परवेज अख्तर/सिवान:- वर्तमान समय में जहां विज्ञान निरंतर प्रगति कर तरह तरह के अविष्कार कर रहा है तो दूसरी तरफ इन सब से अलग हटकर सिवान जीआरपी ने अंधविश्वास पर भी यकीन करना शुरू कर दिया है। जीआरपी ने अब कांडों के निष्पादन के लिए नई तकनीक को अपनाया है। यह तकनीक नहीं बल्कि हास्यास्पद है। जीआरपी ने चोरी की घटना के उद्भेदन के लिए तांत्रिक का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इस तांत्रिक को घोड़ा वाला बाबा कहा जाता है। हैरानी की बात यह है कि 21वीं सदी में जीआरपी प्रभारी इस तकनीक पर विश्वास कैसे कर रहे हैं यह समझ से परे हैं। मामले में बताया जाता है कि एक सप्ताह पूर्व रेलवे कॉलोनी निवासी सह रेल कर्मचारी अनिल कुमार श्रीवास्तव के घर में भीषण चोरी हुई थी। इस चोरी के मामले के उद्भेदन में जीआरपी को फिलहाल कोई सफलता नहीं मिली है। इसी मामले में नया मोड़ उस समय आया है कि मंगलवार की दोपहर जीआरपी प्रभारी नंद किशोर पीड़ित के घर एक तांत्रिक को लेकर पहुंच गए और मकान के गृहस्वामी को हर कमरे को दिखाने को कहा। इसके बाद तांत्रिक ने हल्दी और तेल गृहस्वामी को दिया और उसे रात में जलाकर उससे निकलने वाली राख को सुबह में अंगूठे में लगाने की सलाह देते हुए कहाकि इससे चोर की तस्वीर सामने आ जाएगी। इस बाबा का नाम रामकरण पांडेय है जो हुसैनगंज के हबीब नगर का रहने वाला है और इसे लोग घोड़ा वाला बाबा के नाम से जानते हैं। तांत्रिक ने बताया कि उसका मजार मैरवा में है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो बुधवार को एक बार फिर से तांत्रिक गृहस्वामी के घर पहुंचा और उसने अपने मजार पर जाने को कहा। हैरानी की बात तो यह है कि जिस पर विज्ञान भी विश्वास नहीं करता उस पर भला जीआरपी कैसे विश्वास कर रही है। इस मामले में पीड़ित ने रेल एसपी सहित जिला एसपी को पत्र भेजकर सारे वाक्या की जानकारी दी है।
कहते हैं जीआरपी प्रभारी
चोरी के मामले की जांच की जा रही है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। लोगों ने कहा तो चोरी के मामले में उद्भेदन के लिए तांत्रिक को बुलाया गया, लेकिन पुलिस के जांच करने का तरीका कुछ और है। जल्द ही मामले का उद्भेदन कर दिया जाएगा।
नंद किशोर[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]