समस्तीपुर: सभी ग्रामीण परिवारों को 10 हजार रूपये कोरोना भत्ता देने, कोरोना से हुई मौत पर सभी पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने, बिना आधार कार्ड और रजिस्ट्रेशन के तीन महीने के अंदर सभी को टीका लगाने की गारंटी करने, मनरेगा काल में अनाथ हुए सभी बच्चों की जिम्मेवारी सरकार द्वारा उठाने, सभी मजदूरों के प्रति परिवार को 35 किलो राशन, 5 किलो दाल एवं 5 हजार रूपये मासिक आर्थिक सहायता देने, कोरोना जांच एवं इलाज के लिए गांव-गांव में मेडिकल टीम भेजने, डीलर के हड़ताल समाप्त करना जल्द राशन वितरण करने, समेत अन्य मांगों को लेकर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के अखिल भारतीय मांग दिवस पर शहर के विवेक-विहार मुहल्ला में धरना- प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यकर्ता लाकडाउन का पालन करते हुए अपने- अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे कार्डबोर्ड लेकर नारे लगा रहे थे. कार्यक्रम में आइसा जिला सचिव सुनील कुमार, दीपक यदुवंशी, धीरज कुमार, ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह आदि उपस्थित थे।
मौके पर माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार गरीबों को मात्र पांच 5 किलो राशन देकर कोरना काल में जीवन और जीविका के प्रश्न से नहीं भाग सकती. उन्होंने कहा कि आज अधिक से अधिक कुरोना जांच एवं इलाज की व्यवस्था की जरूरत है। गांव स्तर पर जांच एवं ईलाज को विस्तारित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित दिहाड़ी मजदूर, निर्माण मजदूर, रिक्शा-ठेला- खोमचा, फूटपाथी, दुकानदार आदि हो रहे हैं. सरकार उनके जीवन और जीविका के प्रश्न पर मजबूती से सहायता दें। उन्होंने कहा कि हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।