परवेज अख्तर/सिवान: बिजली विभाग का स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं की संतुष्ट नहीं कर पा रहा है, इसकी वजह से लोग इस मीटर को लगाने से दूर भाग रहे हैं। अभी भी लोग इस मीटर की रीडिंग को लेकर असंतुष्ट हैं। उन्हें लगता है कि स्मार्ट प्रीपेट मीटर की रीडिंग अधिक आती है और इस कारण उन्हें अतिरिक्त बिल का भुगतान करना पड़ता है। यही कारण है कि शहरी क्षेत्र में 36 हजार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड लगाया जाना था, लेकिन अबतक 13 हजार 967 मीटर ही लगाए जा सके हैं। वहीं लोगों में जागरुकता का अभाव देखते हुए विभाग इसकी खूबियों को लेकर कई तरह के प्रचार-प्रसार कर रहा है, लेकिन उपभोक्ताओं का आरोप है यह मीटर तेज गति से रीडिंग करता है। शहर में ऐसे कई बिजली घरेलू उपभोक्ता मिले जिन्होंने बताया कि पहले जिस मीटर से महीने का बिल चार से पांच सौ रुपये महीने का आता था, स्मार्ट मीटर लगाने पर यह डेढ़ से दो-गुना बढ़ गया है। वहीं विभाग की मानें तो हर घर में स्मार्ट बिजली मीटर लगाना अनिवार्य है। वैसे उपभोक्ता जो स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध करेंगे, उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
कहते हैं अधिकारी :
शहरी क्षेत्र में 36 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है।अभी तक 13 हजार से अधिक मीटर लगा चुका है।हर घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य है। मीटर अधिक रीडिंग से जुड़ी शिकायत उपभोक्ता कार्यालय या आनलाइन कर सकते हैं। एप पर प्रतिदिन कितना खर्च हुआ इसका सारा विवरण उपभोक्ता अपने मोबाइल पर देख सकते हैं।
अभय मौर्य शहरी सहायक विद्युत अभियंता