- स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को मिल रहे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
- जननी सुरक्षा योजना के तहत निशुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर
छपरा : वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुहैया कराई जा रही है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है। जिले के सदर अस्पताल में कोरोनासंकट काल के बीच 25 मार्च से 31 मई तक 643 महिलाओं ने का संस्थागत प्रसव हुआ है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं तथा स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने वह अस्पताल से ले जाने के लिए नि: शुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है। शिशु रोग विशेषज्ञ जच्चा और बच्चा दोनों के देखभाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के साथ ही प्रसूताओं को नवजात को स्तनपान जरुर कराने के लिए प्रेरित भी कर रहे है। ताकि नवजात शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक विकसित हो सके।
जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया जन्म के 1 घन्टे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराया जा रहा है। साथ ही 6 माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। माँ का दूध शिशु को कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है । माँ के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए माताओं को सुरक्षित तरीके से स्तनपान कराने एवं बच्चों की देखभाल करने की भी हिदायत दी जा रही है.
दी जाती है प्रोत्साहन राशि
संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के मकसद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की महिला को संस्थागत प्रसव कराने के एवज में 1400 रूपये एवं आशा को 600 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. वहीं शहरी महिलाओं को संस्थागत प्रसव पर 1000 रूपये एवं आशा को 200 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान है.
इन बातों का रखें ध्यान
- शिशु को स्तनपान कराने के दौरान सांस संबंधित हाईजीन के नियमों का पालन करें. यदि माता को सर्दी या खांसी जैसे कोई भी लक्षण हो तो शिशु को स्तनपान कराने के दौरान मास्क का इस्तेमाल करें
- नवजात शिशु को छूने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं. यह नियमित रूप से हर बार करें
- बच्चे को लेकर घर या अस्पताल में जिन भी जगहों पर आप जा रहे हैं, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.