कोविड टीकाकरण के प्रति व्यापक प्रचार प्रसार के लिए 75 ई रिक्शा को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

0
  • कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण की भूमिका अहम
  • पटना के 75 वार्डों में माइकिंग के माध्यम से किया जाएगा जागरूक

पटना/छपरा: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव के लिए राज्य में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके प्रति आम लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यालय परिसर से कोरोना टिकाकरण के प्रति व्यापक प्रचार प्रसार के लिए 75 ई-रिक्शा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में टीकाकरण बहुत अहम योगदान निभा रहा है. कोरोना टीकाकरण के लिए जनमानसों में जागरूकता फैलाने के लिए पटना जिले के सभी 75 वार्डों में ई-रिक्शा के द्वारा माइकिंग कराने के उद्देश्य से प्रचार वाहनों को रवाना किया गया. कोरोना महामारी से बचाव के लिए 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। 1 मार्च से तृतीय चरण में 60 वर्ष या उससे ऊपर के नागरिकों एवं 45 से 59 वर्ष के वैसे नागरिकों का टीकाकरण किया जा रहा है जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है. इस मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक अनिमेष कुमार पराशर, राजेश कुमार उप सचिव सह प्रभारी आईईसी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

75 ई रिक्शा को हरी झंडी

दवाई भी और कड़ाई भी

जिन कोरोना योद्धाओं को कोरोना टीका का पहला डोज लगाया गया है, उन्हें 28 दिन दूसरा डोज दिया जाएगा. दूसरे डोज के 14 दिन बाद ही कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. इसलिए टीके के बाद भी सावधानी बरतनी जरूरी है. सावधानी के तौर पर मास्क का इस्तेमाल, शारीरिक दूरी एवं हाथों की सफाई का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने भी टीकाकरण लंच के दौरान इस बात पर जोर देते हुए कहा कि दवाई भी और कड़ाई भी।

कोविड-19 वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित

कोविड-19 सभी प्रमाणित वैक्सीन पूरी प्रक्रिया के गुजरने के बाद ही स्वीकृत की गई है और पूर्णता सुरक्षित है. चरणबद्ध तरीके से इसे सभी को उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है. टीकाकरण के पश्चात लाभार्थी को किसी प्रकार की परेशानी के प्रबंधन के लिए सत्र स्थल पर एनाफ़लिसिस कीट एवं एआईएफआई कीट की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है तथा इस संबंध में टीका कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है।