सुख, शांति व समृद्धि के लिए पंचशील का पालन जरूरी

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परवेज अख्तर/सिवान : शहर के गांधी मैदान में गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार तत्वावधान में चल रहे शक्ति संवर्द्धन 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में प्रतिदिन हवन, पूजा को ले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान सुबह सामूहिक जप, प्रज्ञायोग व्यायाम,गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार में श्रद्धालु पूरे मनोयोग के साथ भाग ले रहे हैं। अपने प्रवचन में प्रज्ञा कथा वाचक एवं टोली नायक राजकुमार भृगु ने प्रज्ञा पुराण के तृतीय खंड की कथा में महर्षि धौय ऋषि ने गृहस्थ आश्रम की महत्ता को वर्णित करते हुए कहा कि परिवार में सुख शांति समृद्धि एवं स्वर्गीय परिस्थितियां लगने के लिए पंचशीलों का पालन करना चाहिए। शृष्टा अर्थात शालीन व्यवहार, मितव्ययियता- उचित खर्च करें अनावश्यक खर्च न करें एवं दिखावा न करें, दूरदर्शिता- दूर की सोच कर योजना बनाना, बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए। परिवार कैसा हो इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि पति-पत्नी प्रेम और पवित्रता का जीवन जीए, बेटे औरबेटी में भेद न करे, परिवार एक लघु राष्ट्र है, परिवार अच्छा होगा तो समाज और राष्ट्र अच्छता बनता चला जाएगा। परिवार शब्द की व्यवस्था में ऋषि धौम्य ने कहा है कि प-अर्थात रिस्तों में परिपक्वता, पवित्रता- ऋ- रिस्तों में ऋज्यता,ता- वाकपटुता, वातावरण- रा- रस्यतता हो तथा जहां प्यार और सहकार से भरा पूरा परिवार ही धरती का स्वर्ग है। इस दौरान संध्या बेला में कन्याओं ने दीप जलाकर पूरे नगर की सुख शांति की सामूहिक प्रार्थना की। गांधी मैदान दीपों से जगमग हो उठा। कार्यक्रम में युवा प्रकोष्ठ के सदस्यों द्वारायुवा एवं युवतियों ने लाल मशाल लेकर गांधी मैदान की परिक्रमा की। युवाओं को अच्छे राह पर चलने तथा सेवा कार्य में लगे रहने का संकल्प कराया गया। दीप यज्ञ में प्रारंभ में जिप अध्यक्ष संगीता देवी ने मंच का पूजन किया वहीं कार्यक्रम का समापन पूर्व एसडीपीओ सुधीर कुमार ने व्यास पीठ की आरती से किया गया तथा टोली को उपहार देकर विदा किया गया। हवन, पूजा को काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का भी वितरण किया गया। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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