परवेज अख्तर/सिवान : जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में मंगलवार को खरमास का समापन होगा। इस दौरान श्रद्धालु जिला मुख्यालय समेत विभिन्न नदी, तालाबों में आस्था की डूबकी लगा भगवान सूर्य को नमन करेंगे तथा दान पुण्य करेंगे। इसको लेकर श्रद्धालुओं द्वारा तैयारी जोरों पर हैं। रविवार को बाजारों में सुबह से देर शाम तक ठंड के बावजूद काफी चहल-पहल देखी गई। लोग अल सुबह से डेयरी एवं दूध, चिउरा, तील,गुड़,चीनी, लाई तिलकुट आदि की खरीदारी करते देखे गए। वहीं घोंसारों में चूड़ा, लाई, तिल आदि की भुजाने तथा खरीदारी करने को ले लोगों की भीड़ देखी गई। इसके अलावा सब्जी दुकानों पर भी आलू, मटर, गोभी, टमाटर, अदरक आदि की खरीदारी करते लोगों को देखा गया।
निमंत्रण देने का दौर जारी
मकरसंक्रांति के उपलक्ष्य में अपने घरों में इष्ट मित्रों को दही चूड़ा खाने, खिलाने का निमंत्रण देने की होड़ रही है। जहां कोई मिलता लोग उसका हाल-चाल पूछते हुए मंगलवार को अपने घर दही-चूड़ा तथा खिचड़ी खिलाने का निमंत्रण देना नहीं भूले। इसको लेकर कई राजनीतिक दलों द्वारा भी दही-चूड़ा भोज का निमंत्रण दिया जाता रहा।
स्नान दान का महत्व
मकरसंक्रांति के दिन अल सुबह नदी, तालाब या घरों में स्नान कर भगवान सूर्य को तिल, चावल, गुड़, रुपये आदि अर्पित कर दीन-दुखियों एवं गरीबों को दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इसे हर बच्चे से बुढ़े तक स्नान करने के बाद अर्पित करते हैं तथा घरों में इष्ट देवता की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करा अपने दही-चूड़ा आदि भोजन करते हैं। इस दौरान ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, पंचांग आदि दान करने की परंपरासदियों से चलती आ रही है जिसे लोग आज भी बरकरार रखे हैं और इस दिन ब्राह्मणों को यह सामग्री उपलब्ध करा दान-पुण्य करते हैं।