परवेज अख्तर/सिवान : एनडीए खुले तौर पर छद्म राष्ट्रवाद का सहारा लेकर सांप्रदायिक बातें कर रहा है। उसके राष्र्टवाद में दलित, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक गायब है। किसानों के मुद्दे, युवाओं के मुद्दे और महिलाओं के मुद्दों पर एनडीए के लोग कोई बात नहीं करना चाहते हैं। इस बार का चुनाव बहुत हीं महत्वपूर्ण है। इस चुनाव में रोजी-रोटी दांव पर है। एनडीए एक तरफ लोकतंत्र की बात करता है, तो दूसरी ओर वह कई तरह से संविधान पर हमले कर रहा है। उनकी आस्था लोकतंत्र में नहीं है। सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करने वालों को दबाया जा रहा है। उक्त बातें रघुनाथपुर के राजपुर तथा हुसैनगंज के एमएस हाई स्कूल परिसर में शनिवार को भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने चुनावी जनसभा के दौरान कही। वर्तमान सरकार पर तंज कसते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश का संविधान खतरे में है। नरेंद्र मोदी के नाक के नीचे सामंती ताकतों द्वारा संविधान की प्रतियां जला दी गईं, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सामंती ताकतों द्वारा संविधान की प्रतियां जला दी गई
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