[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]एएसपी के पहुंचने के पूर्व आरोपित बिट्टू के परिवार वालों ने साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से फंसी गोली को निकाला
बच्चों के विवाद में दोनों परिजनों की बढ़ी बेचैनी
लाइसेंस रद्द होने की सता रही चिंता
एसपी ने स्थानीय थाना को दिया आदेश, केस दर्ज कर हथियार करें जब्त होगी जांच
परवेज अख्तर/सिवान:- जिले के जीरादेई थाना क्षेत्र के चांदपाली गांव में सोमवार की दोपहर दो युवकों के बीच हुए विवाद में फायरिंग के दौरान एक युवक के घायल होने के मामले में पुलिस ने घायल मो. झुनझुन के फर्द बयान के आधार पर मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। इस मामले में एसपी नवीन चंद्र झा ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय थाना को आदेश दिया है कि वे अपनी तरफ से एक मामला दर्ज करते हुए मो. इशा के लाइसेंसी हथियार को जब्त करें। ताकि उसकी जांच कर मामले का खुलासा किया जा सके। इधर इस मामले में एसपी ने बताया कि इंज्यूरी रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सकों ने घायल को गोली लगने की बात बताई है। जबकि इलाजरत मो. झुनझुन और उसके परिजनों ने पटाखा से घायल होने की बात कही थी। हथियार को जब्त करने के बाद उसकी जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर फायरिंग की गई होगी तो आगे की कार्रवाई होगी। इधर इस मामले में एक नया मोड़ आया है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सोमवार को जब मो. बिट्टू ने मो. झुनझुन पर फायरिंग की तो झुनझुन को गोली छूते हुए पास के पड़ोसी मो. शहाबुद्दीन खान के घर के पीछे की दीवार की खिड़की के पास में जा फंसी। घटना के बाद परिजन गोली की तलाश में लग गए थे। जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि एएसपी कांतेश मिश्रा मौके पर पहुंचने वाले हैं तो लोगों ने मो. शहाबुद्दीन खान के घर के पीछे पहुंच कर गोली को निकाल लिया और वहां साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। हालांकि अब यह मामला पूरी तरह से स्पष्ट होते जा रहा है कि युवक को गोली ही मारी गई थी। जिसे एसपी ने भी माना है।
परिजनों ने की राइफल की सफाई
सूचना के अनुसार चांदपाली की घटना के बाद लाइसेंसधारी मो. ईसा के परिवार के लोगों ने सोमवार की देर रात्रि उक्त राइफल की सफाई की ताकि पुलिस अगर राइफल को जब्त कर जांच के लिए ले जाती है तो उसमें साक्ष्य नहीं मिले और राइफल का लाइसेंस बरकरार रहे।
जख्म प्रतिवेदन प्राप्त करने में पुलिस से ज्यादा परिजन बेचैन
चांदपाली की घटना में सदर अस्पताल से जख्म प्रतिवेदन प्राप्त करने में पुलिस से ज्यादा परिजन बेचैन हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ लोग पुलिस के अनुसंधान को गुमराह करने के लिए जख्म प्रतिवेदन को गोली कांड को बदल कर पटाखा से घायल होने की फिराक में हैं।