हवा में तीर चला रही है पुलिस !
परवेज़ अख्तर/सीवान:- शुक्रवार को हुई सीएसपी संचालक से लूट के बाद हत्या कांड के मामले में मृतक के भाई रामलखन लाल पाण्डेय के आवेदन पर पुलिस ने गोरेयाकोठी थाना कांड संख्या 128/19 धारा 396 भा.द.वि.तथा 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की है। दर्ज प्राथमिकी में 5 अज्ञात अपराधियों को आरोपित किया गया है।घटना के 24 घण्टे बाद भी पुलिस को किसी भी प्रकार की सफलता हासिल नही हुई है।उधर पुलिस अब तक हवा में तीर चला रही है।हालांकि एसडीपीओ महारागंज हरीश शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा की आम लोगों का सहयोग नही मिलने के कारण थोड़ी अनुसंधान में तेजी नही हो पा रही है।तो दूसरी तरफ परिजनों द्वारा घटना की समय सारिणी स्पष्ट नही किये जाने से भी थोड़ी अनुसंधान में कठिनाई हो रही है।श्री शर्मा ने कहा की अफ़राद बाजार स्तिथ पेट्रोल पम्प के सीसीटीवी कैमरे का बिडिओ फुटेज व अन्य स्थानों से भी सीसीटीवी कैमरे का बिडिओ फुटेज भी लिया गया है।जिस के आधार पर गोरियाकोठी थाना पुलिस काम कर रही है।उन्होंने कहा की मृतक जहां से चले थे वहां से लेकर घटनास्थल तक का मुआयना पुलिस कर रही है।श्री शर्मा ने कहा की दर्ज कांड के सूचक द्वारा अपने आवेदन में लूट के रकम का जिक्र नही किया है।
यहां बताते चले की शुक्रवार को महाराजगंज से पैसे निकाल कर आ रहे सीएसपी संचालक श्री निवास पांडेय को दो बाइक पर सवार पांच की संख्या में हथियार बंद अज्ञात अपराधियों ने सीने में गोली दाग कर मौत के घाट उतार दिया था।और रुपए से भरा थैला लेकर आसानी से फरार हो गए थे।लेकिन लूट के रकम का जिक्र अब तक परिजनों द्वारा नही की गई है।हालांकि पुलिस उनके द्वारा निकासी की गई बैंको से सम्पर्क कर पता लगाने में जुटी हुई है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि बाइक पर सवार पांचों अपराधी हेल्मेट पहने हुए थे।जिससे उनलोगों का चेहरा नही दिख रहा था।लेकिन जो एक पल्सर पर सवार अपराधी था जो बाइक के पीछे बैठा था। उस अपराधी के बहुत बड़े -बड़े बाल थे। उसके बाल हेल्मेट के नीचे तक लटक रहा था।इस सन्दर्भ में दर्ज कांड के अनुसंधानकर्ता दारोगा बाल्मीकि सिंह ने कहा की घटना के बाद से संदिग्ध ठिकानों पर एसडीपीओ महाराजगंज हरीश शर्मा के निर्देश के आलोक काअनुपालन करते हुए छापेमारी की जा रही है।लेकिन अभी तक सफलता हाथ नही लगी है।बहुत जल्द अज्ञात अपराधियों की पहचान भी कर ली जायेगी। सभी अपराधी हेल्मेट पहने थे इसलिए प्रथम दृष्टया के अनुसंधान में कठिनाई हो रही है।