लोक अदालत में 286 मामलों का निष्पादन

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[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]परवेज अख्‍तर/सिवान :- वादाकारी अपने अपने वादों का निष्पादन लोक अदालत के माध्यम से कराएं, यही लोक अदालत का उद्देश्य है। उक्त बातें सिविल कोर्ट परिसर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकर ओम प्रकाश राय ने कही। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में पक्षकारों को विशेष छूट दिया जाता है ताकि वे अपने मामलों का अधिक से अधिक निष्पादन कर सकें। इसके पूर्व लोक अदालत के सभागार में आयोजित उद्घाटन समारोह को जिला जज एवं पुलिस अधीक्षक एनसी झा, जिला विधिक सेवा प्राधिकर के सचिव एसके त्रिपाठी तथा अपर समाहर्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जिला जज ने मैरवा की एसिड अटैक की पीड़िता मीरा देवी को दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया। तत्पश्चात राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए गठित कुल पांच न्यायिक बेंचों में पक्षों की आपसी सहमति से मामलों की सुनवाई और निष्पादन शुरू हुई जो देर शाम तक चलती रही। लोक अदालत में सभी तरह के मामलों फौजदारी, दीवानी, इलेक्ट्रिसिटी, बैंक आदि के मामलों की सुनवाई हुई। लोक अदालत में जिन 5 न्यायिक बेंचों का गठन किया गया था, उसमें एडीजे 2 अवधेश कुमार दुबे, सचिव एस के त्रिपाठी, सब जज 5 संजय मिश्रा, सब जज दी एन भारद्वाज एवं सब जज ओमशंकर सहित लोक जिला विधिक सेवा प्राधिकर के पैनलिस्ट एडवोकेट घनश्याम तिवाड़ी, मनोज कुमार सिंह, जनार्दन सिंह, अनिल कुमार सिंह एवं डॉ. विजय कुमार पांडेय सहित लोक अदालत एवं सिविल कोर्ट के कर्मी मौजूद थे। इस दौरान 286 मामलों का निष्पादन किया गया जिसमें कुल समझौता राशि एक करोड़ 27 लाख 4 हजार 255 रुपये निश्चित हुआ। पक्षकारों ने 25 लाख 17 हजार 784 रुपये नकद जमा कर अपने मामलों का निष्पादन कराया। जिन बैंकों ने भाग लिया उसमें एसबीआई के 55, पंजाब नेशनल बैंक के सात, बैंक ऑफ़ इंडिया के 11,सेंट्रल बैंक के 35, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के एक तथा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एक मामले का निष्पादन किया गया। इसके साथ ही दीवानी के चार मैट्रिमोनियल के छह,इलेक्ट्रिसिटी के 30, मोटर दुर्घटना के दो तथा फौजदारी के 34 मामलों का निष्पादन किया गया। दूसरी ओर राष्ट्रीय लोक अदालत में आज जहां सैकड़ों की तादाद में विभिन बैंकों ने अपने-अपने बैंकों के ऋणियों से उनके ऋण से संबंधित वादों का निष्पादन किया, कई बैंकों के प्रतिनिधि राष्ट्रीय लोक अदालत में या तो अनुपस्थित रहे या उनकी और से कोई निष्पादन नहीं किया गया। ऐसे दर्जनों ऋणी राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने बैंक को खोजते एवं घूमते नजर आए। ग्रामीण बैंक के एलडीएम उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे। परंतु ग्रामीण बैंक के एक भी मामले का निष्पादन नहीं हुआ, जबकि पूर्व में भी इस बैंक की उदासीनता को लेकर इस बार जिला जज एवं अपर समाहर्ता आर एन चौधरी ने राष्ट्रीय लोक अदालत में विशेष रूप से सहयोग करने की अपील की थी।

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