परवेज अख्तर/सिवान:- हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरूवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत है। इस अवसर पर श्रद्धालु व्रत रखते हुए अनंत भगवान की कथा का श्रवण करते हैं। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत कर अनंत भगवान की पूजा अर्चना करने से घर में धन धान्य की वृद्धि होती है। इस संबंध में आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि यह पर्व भगवान की अनंतता का द्योतक है। भक्ति भाव के साथ भगवान की आराधना और पूजा आदि करने से अनन्त भगवान मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस अवसर पर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान की कथा सुनने के बाद कच्चे धागों से बने अनंत धारण करने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार व्रती स्त्री पुरूष कथा सुनने के बाद सिर्फ एक ही बार अन्न ग्रहण करते हैं। जानकारी के अनुसार इस दिन पूजा के बाद 14 गांठें बनाकर अपने बाजू पर धागा बांधा जाता है। ये 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की प्रतीक हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को यदि 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रती को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
14 वर्षों तक व्रत करने से व्रती को विष्णु लोक की होती है प्राप्ति, अनंत चतुर्दशी कल
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