परवेज़ अख्तर/बड़हरिया(सीवान):- बड़हरिया के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करने वाली मौजूदा सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी तत्पर है राज्य भर में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करने वाली सरकार अस्पतालों, स्वास्थ्य कर्मियों, और संसाधनों पर मोटी रकम भी खर्च करती है । ताकि इलाज के लिए जिला अस्पतालों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने वाले गरीब और असहाय मरीजों की बीमारी दूर हो उनके स्वास्थ्य कि बेहतर देख रहे हो । इलाज के अभाव में कोई व्यक्ति लाइलाज बीमारी का शिकार ना हो , मंसूबे तो ठीक है । लेकिन इन तमाम कावायदों और नेक मंसूबों पर पानी उस वक्त फिरता नजर आता है जब कोई मरीज इलाज की उम्मीद लिए अस्पताल पहुंचता है और दवाइयों के अभाव में उल्टे पाँव लौट आता है। क्षेत्र में हजारों लोगों के स्वास्थ्य रक्षा का जिम्मा लिए खड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महीनों से रेबीज अर्थात कुत्ते के काटने के बाद पड़ने वाली सुई का अभाव है। रेबीज इंजेक्शन के लिए रोजाना यहां पहुंचने वाले हर उम्र के मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ता है। कुछ महीनों पहले रेबीज इंजेक्शन के अभाव में प्रखंड के सफी छपरा निवासी एक मजबूर पिता को अपनी 4 वर्षीय बच्ची को खोना पड़ा था । बच्ची की मौत के बाद लोगों में काफी आक्रोश भी था । आर्थिक तंगी से त्रस्त होने के कारण बाहर इंजेक्शन लगवाने में असमर्थ रहे परिजनों की आंखों से बच्ची की मौत के बाद टपकने वाली बूंदों ने देखने वालों को यह एहसास कराया था कि सरकार की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के चक्कर में बेकसूर बच्ची ममता की गोद सूनी कर गई ।
महीनों बाद बड़हरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं आया रैबीज इंजेक्शन, गरीब असहाय मरीज है परेशान
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