आशा कार्यकर्ताओं को दी जा रही ट्रेनिंग
अंतरा एवं ‘छाया की भी दी गयी जानकारी
परवेज अख्तर/गोपालगंज: प्रवासी लाभार्थियों को परिवार नियोजन पर जागरूक करने की मुहिम तेज कर दी गयी है। दीपावली एवं छठ के दौरान अधिक संख्या में बाहर से घर लौटने वाले प्रवासी लाभार्थियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इसको लेकर जिले के सभी प्रखंडो में परिवार नियोजन को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले के सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से प्रखंडों में आशा कार्यकर्ताओं का बैच बनाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण में आशाओं को दीपावली व छठ के दौरान घर लौट कर आने वाले लोगों के परिवार से मिलकर परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों की जानकारी देने के लिए बारे में बताया गया। सिविल सर्जन डॉ. नन्दकिशोर प्रसाद सिंह ने बताया कि छठ- दीपावली के दौरान बड़ी संख्या में बाहर रहने वाले कामगार घर लौटते हैं। इस समय परिवार नियोजन की जरूरत के बारे में पति पत्नी दोनों को बताया जाना जरूरी है। साथ ही इस दिशा में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है ताकि अधिक से अधिक दंपत्तियों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के विषय में लोगों को जागरूक किया जा सके।
गर्भ-निरोधक उपायों की दी गयी जानकारी: प्रशिक्षण के दौरान परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी गयी. स्थायी साधनों में मिनीलैप एवं महिला नसबंदी के बारे में जानकारी दी गयी. बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
गर्भ-निरोधक के इस्तेमाल पर ज़ोर: अनचाहे गर्भ से बचने के लिए नवीन गर्भनिरोधक ‘अंतरा एवं ‘छाया’ की जानकारी भी दी गयी। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं ‘छाया’ गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है। इसे सप्ताह में एक बार सेवन करना है। साथ ही जब तक गर्भधारण नहीं करना हो तब तक इसका सेवन किया जा सकता है। साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज या सूई लाभार्थी को 100 रूपये एवं उत्प्रेरक को भी 100 रूपये दिए जाने का प्रावधान है।
पुरुष नसबंदी के लिए किया गया प्रेरित: आशाओं को पुरुषों में नसबंदी को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाने की बात कही गयी। आशाओं को पुरुष नसबंदी को लेकर सामाजिक अंध-विश्वासों को दूर करने की बात बतायी गयी. साथ ही परिवार नियोजन या फैमिली प्लानिंग से मां और बच्चे की सेहत पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव की विस्तार से चर्चा की गयी।
गृह भ्रमण कर दी जायेगी जानकारी: परिवार नियोजन पखवाड़े के तहत 20 नवंबर तक आशा एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा लक्षित प्रवासी परिवारों में गृह भ्रमण के दौरान परामर्श दिया जाएगा। इस समय दी गई परामर्श सामग्री का उपयोग करते हुए दंपतियों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की जानकारी दी जाएगी। दंपतियों से बात कर उपयुक्त समय में गर्भधारण और बच्चों के बीच सही अंतराल के साथ स्वास्थ्य जीवन जीने हेतु आशाओं द्वारा परामर्श दिया जाएगा।