मारपीट के दौरान परिजनों का छीना चैन
परवेज़ अख्तर/सीवान:- आजकल चिकित्सको के लापरवाही से प्रसव करने आयी जच्चा या बच्चा की मौत हो जाना आम बात हो गयी है.बुधवार की रात प्रसव कराने आयी महिला को आशाओं ने चिकित्सक के साथ मिलकर जान ले ली.यह आग अभी बुझा नही की तब तक परिजनों के बिना सहमति के डिलेवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गयी.इस मामले में बच्चे की पिता भलुआ निवासी शालिग्राम के पुत्र अमन कुमार यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराया है.उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि मैं अपनी पत्नी अंशु देवी की डिलिवरी के लिए पकड़ी मोर स्थित डॉ. अनिता कुमारी श्रीवस्तव के पास गया था.जहाँ डॉक्टर ने प्रसूता को भर्ती कर लिया.प्रसव में देर होने के कारण मैन दूसरे डॉक्टर को दिखाने के लिए डिस्चार्ज करने की बात कही. क्योंकि मैंने डॉक्टर के बोर्ड पर (जीएएमएस) की डिग्री देख चुका था.मुझे शक भी हो गया था की यह डॉक्टर बिना एमबीबीएस डिग्री की है.मेरे और मेरे सास के डिस्चार्ज करने के आग्रह के बाद संध्या में डॉ. ने जबरन ऑपरेशन थियेटर पर ले गयी और मेरे पतिनि का डिलेवरी करवा दिया. जिसमे मेरे बच्चे की मौत हो गयी.जिसके बाद डॉक्टर से मने उनके पैड पर भर्ती के बाद उपचार का विवरण मंगा तो डॉक्टर जे द्वारा कुछ समय तक इधर उधर किया गया. जिसके बाद कुछ असमाजिक तत्वो को बुलाकर मेरे और मेरे बङे भाई के साथ मारपीट किया गया.मारपीट के दौरान मेरे और मेरे सास का सोने का चैन छीन लिया गया.इसके बाद महिला का इलाजे किसी अन्य चिकित्सक के पास हो रहा है.