परवेज़ अख्तर/सिवान:- देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलामआजाद के 131 में जन्मदिन के अवसर पर स्थानीय जेड.ए. इस्लामिया कालेज में कालेज के शाषी निकाय द्वारा जयंती समारोह का आयोजन किया गया ।समारोह में मुख्य अतिथि कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, बिहार विधान परिषद के सभापति डॉ हारून रसीद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादउल्लाह सुन्नी वक्फ बोर्ड के ईरसाद अली आजाद राष्ट्रीय नेहरू युवा केंद्र के चेयरमैन विधायक डॉक्टर शकील अहमद खान, विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव ,जदयू नेता अजय सिंह, नगर परिषद की सभापति सिंधु सिंह समेत कई शिक्षाविदों राजनेताओं की मौजूदगी में समारोह पूर्वक मनाया गया। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। उनका असल नाम अबुल कलाम गुलाम मोहिउद्दीन अहमद था लेकिन वह मौलाना आजाद के नाम से मशहूर हुए। मौलाना आजाद स्वतंत्रता संग्राम के अहम लीडरों में से एक थे। वह लीडर के साथ-साथ पत्रकार और लेखक भी थे।साल 1890 में उनका परिवार मक्का से कलकत्ता शिफ्ट हो गया बाद मेंस्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन के दौरान उन्हें रांची से गिरफ्तार कर लिया गया और वे लगभग 10 वर्ष तक जेल में रहे शिक्षा मंत्री ने कहा कि आजाद साहब के यौमे पैदाइश के मौके पर सीवान ने को उन्होंने अपना सौभाग्य बताया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भी आज आपके जन्मदिन पर तीन दिवसीय सरकारी कार्यक्रम सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों में चलाया गया मौलाना साहब के विचार को और उनके आदर्शों को आज भी प्रासंगिक बताते हुए उन्होंने कहा कि गंगा जमुनी ताबीज को कायम रखनेके लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है वह भी एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर परिस्थिति में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सर्वधर्म समभाव की बात करने वाले सच्चे देशभक्त एवं महान नेता थे शिक्षा मंत्री ने नीतीश कुमार द्वारा उनके सपनों के अनुरूप तालिमी मरकज एवं शिक्षा संस्थान संस्थानों के विकास की बातों को उद्धृत करते हुए कहा कि आज नीतीश कुमार अब्दुल कलाम आजाद साहब की महिला शिक्षाएवं नारी सशक्तिकरण के सपने को साकार कर रहे हैंजिसकी देन है कि आज छात्रों से अधिक छात्राओं का अनुपात सरकारी विद्यालयों में है साइकिल योजना समेत अन्य योजनाओं को उद्धृत करते हुए मंत्री ने जड़े इस्लामिया कालेज के साथी निकाय एवं विद्यालय के संसाधनों की काफी सराहना की सभा का संचालन काफी निकाल के सचिव जफर अहमद गरी ने किया। समेत कई लोग मौजूद थे। बिहार विधान परिषद के सभापति डॉक्टर हारून रशीद ने अपने संबोधन में कहा कि आजाद साहब 10 वर्ष की उम्र में मक्का से हिंदुस्तान आए थे और उन्हें बंगाल के कोलकाता से तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत में निकाल बाहर किया और बाद में उन्हें राशि से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया लगभग 10 साल 7 महीने जेल में रहने के बाद अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई भारत मां के 3 सिपाही का नारा दिया और देश को आजाद कराया सभापति श्री रशीद ने कहां की आजाद ने अपने परिवार की संस्कृति के मुताबिक पांपरिक इस्लामी शिक्षा हासिल की। पहले उनको घर ्आजाद का संबंध एक धार्मिक परिवार से था इसलिए शुरुआत में उन्होंने इस्लामी विषयों के साथ साथ कई विषयों का ही अध्ययन किया। सभापति द्वारा शिक्षा मंत्री से जेडे इस्लामिया महाविद्यालय को हरसंभव सहयोग देने का आग्रह किया गया जिस पर शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालय के विकास का आश्वासन दिया गया इस अवसर पर विधायक डॉक्टर शकील अहमद खान विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव, जदयू नेता अजय सिंह कौमी तंजीम अखबार के संपादक अशरफ फरीख, भाजपा नेता धनंजय सिंह नगर परिषद की सभापति सिंधु देवी, आशीष सफर गनी आरिफ जफर गनी लाल बहादुर कुमार समेत विद्यालय के कई बुद्धिजीवी शिक्षाविद एवं नेता मौजूद थे। सभा का संचालन शासी निकाय के सचिव जफर अहमद गनी ने किया।
प्रथम शिक्षा मंत्री अब्दुल कलाम आजाद के 131 वी जयंती पर इस्लामिया कालेज में जुटे दिग्गज
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