परवेज अख्तर/सीवान:- जिले के हसनपुरा प्रखंड के हसनपुरा निवासी व मौलाना अलहाज सैयद नबील अहमद कादरी के निधन के पश्चात जनाजे में कॉमी एकता की मिशाल देखी गयी. जनाजे में दोनों समुदायों के तकरीबन 16 हजार लोग शामिल हुये. जैसे ही लोगों को अपने धर्म गुरु की निधन की सूचना मिली. वे अंतिम दर्शन को ले पूर्वी चंपारण, पश्चमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोरखपुर, बलियां, देवरिया, बस्ती, गोपालगंज, छपरा, सीवान, पटना, भागलपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, कठिहार, बिहार शरीफ, दरभंगा, मध्यप्रदेश सहित दर्जनों जिलों के लोग जनाजे में शामिल होने के लिये मंगलवार की रात से ही पहुंचने लगे. हसनपुरा पनीसरा स्थित बगीचा में उनके नमाज़े जनाजा उन के बड़े लड़के मौलाना, डॉ सैय्यद नाहिद हैदरी ने पढ़ायी. इस दौरान पूरा हसनपुरा बाजार सैकड़ों वाहनों से पट गया. गौरतलब हो कि हसनपुरा निवासी 75 वर्षीय मौलाना अलहाज सैयद नबील अहमद कादरी की निधन सोमवार को पटना में इलाज के दौरान हो गयी. इंतकाल के बाद उनका पार्थिक शरीर उनके पैतृक गांव हसनपुरा लाया गया. जहां अकीदत मंदों ने आखिरी दिदार किया. तत्पश्चात हसनपुरा के खानकाहे हैदरीया में सपुर्द-ए-खाक किया गया. जिला उपाध्यक्ष ब्रजेश सिंह व पूर्व राजद विधायक प्रत्याशी सह जकरिया ट्रस्ट के सचिव हामिद रजा उर्फ डब्लू खान ने बताया कि इनके इंतकाल से दोनों धर्मों के लोगों को अपूरणीय क्षति हुई है. वे दर्जनों जिलों के लोगों के धर्म गुरु थे.
मौलाना अलहाज सैयद नबील अहमद कादरी के जनाजे में दिखा कौमी एकता
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