परवेज अख्तर/सिवान :- सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद प्रत्याशी डा. अनुजा सिंह ने बिहार सरकार से आग्रह किया है कि सरकार नववर्ष के उपलक्ष्य में नियोजित व वित्त रहित शिक्षकों के लंबित मांगों को पूरा कर उन्हें नववर्ष का तोहफा दे। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह संभव है क्योंकि जब बिहार सरकार प्रत्येक पंचायत में नए उच्चतर विद्यालयों को खोलने का ही नहीं अपितु अप्रैल 2020 में उसमें नामांकन लेने की घोषणा कर चुकी है तो फिर सरकार क्या पूर्व में कार्यरत शिक्षकों की पीड़ा को महसूस करते हुए उनकी मांगों को पूरा नहीं कर सकती। बिहार सरकार नये उच्च विद्यालय अथवा उच्चतर विद्यालय खोलने से पूर्व जहां पहले से उच्च अथवा उच्चतर विद्यालय हैं, उसका अधिग्रहण करे तथा उसमें कार्यरत शिक्षकों को वेतनमान देना प्रारंभ कर दे। जहां इस तरह का वित्त रहित संस्थान नहीं हो सिर्फ वहीं नया शैक्षणिक संस्थान खोलने का कार्य करे अथवा नई नियुक्तियां करे।साथ ही साथ नये विद्यालयों के आरंभ के पूर्व तमाम पूर्व से कार्यरत नियोजित शिक्षकों की मांग को उनकी बुनियादी आवश्यकताएं समझते हुए इसे शीध्र से शीघ्र पूरा करे। उन्हें नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान दिया जाये व शीघ्र सेवाशर्त निर्धारण हो। ईपीएफ आच्छादन हो। कर्मचारी भविष्य निधि, ग्रुप बीमा आदि लंबित मांगों को भी पूरा किया जाय। स्थानांतरण का लाभ भी पुराने शिक्षकों की तरह ही दिया जाये। इसी सरकार ने इन शिक्षकों को नौकरियां देने का कार्य किया। आज वहीं सरकार इतना नकारात्मक रूख इनके प्रति अपनाने का काम कर रही है, जो अत्यंत खेदपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को एक निर्जीव मूर्ति की तरह नहीं समझा जाये, जिन्हें सिर्फ शिक्षक दिवस के दिन सम्मान देने का स्मरण करने का कार्य किया जाये। शिक्षक सदा से सम्मान के हकदार रहे हैं। शिक्षकों के सम्मान को आघात पहुंचाने का कार्य वर्तमान सरकार हर्गिज नहीं करे अन्यथा आगामी विधानसभा का चुनाव सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
शिक्षकों को दिया जाये उनका हक, नहीं किया जाए उनके सम्मान पर आघात -डा.अनुजा
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