परवेज अख्तर/सीवान :- जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के कौड़िया गांव में शनिवार की रात नमाजे ईशा के बाद मोकारी पीर अलैहे रहमा के उर्से मुक़द्दस के मौके पर कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें सभी समुदाय के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस जलसे की सदारत मदरसा इस्लामिया के प्रिंसिपल हाफिज तनवीर उल कादरी थे। राज्य के कोने कोने से बड़े-बड़े ओलमा तसरीफ लाए थे। इसमें प्रसिद्ध वक्ता मौलाना शहाबुद्दीन साहब ने कुरान की तिलावत से अपनी खेताबत शुरू की। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में भारत का नाम हिंदू-मुस्लिम एकता गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। पता नहीं इस मुल्क को किसकी नजर लग गई कि इस देश में आजकल नफरतों का दौर चल रहा है, जबकि कुरान में इंसान का इंसान से हो भाईचारा का पैगाम दिया गया है। नबी (सल.) ने भी पड़ोसियों के साथ मिलजुल कर रहने का संदेश दिया। उसके बाद शायरे इस्लाम हाफिज अब्दुल वकील साहब ने शायरी से लोगों को एकता का संदेश दिया। इस दौरान इसराफिल कारी निसार, मौलाना हाशिम , मौलाना हबीबुर्रहमान, आयोजनकर्ता मीर हसन ने भी अपनी-अपनी तकरीरें पेश की। मौके पर कौड़िया पंचायत के मुखिया हीरालाल मांझह, उप प्रमुख श्याम किशोर सिंह, जदयू नेता अब्दुल करीम रिजवी, मोहम्मद नूरैन, अबरार अली, मुन्ना मुस्ताक, सफदर अली, मंजूर साहब, सूरज सिंह समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
इस्लाम देता है भाईचारा का संदेश: मौलाना कादरी
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