परवेज अख्तर/सिवान : जिले के चैनपुर ओपी क्षेत्र के धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाबा महेंद्रनाथ मंदिर के हनुमानगढ़ी मंदिर में बुधवार की रात अपराधियों ने महंत की हत्या कर दी। मंदिर कमलदाह सरोवर के पूर्वी उतरी कोने पर लौवारी गांव के पास स्थित है। हत्या के समय महंत मंदिर के छत पर सोए थे। महंत योगेंद्र शुक्ला उर्फ जनक शुक्ला उर्फ शुक्ला बाबा थे। घटना की जानकारी लोगों को सुबह में तब हुई जब बाबा महेंद्रनाथ मंदिर से देखरेख व खाना बनाने वाले मोहम्मदपुर निवासी भूटेली मिश्रा मंदिर पहुंचे। उन्होंने देखा कि मंदिर का मुख्य दरवाजा खुला हुआ है। उन्होंने चापाकल से पानी भर कर रखा और महंत जी को नहीं देख खोजबीन करने लगे।
इस दौरान जब छत पर गए तो देखा कि महंत छत पर मृत पड़े हैं। उनका सिर कुचला हुआ है। बगल में उनकी रुद्राक्ष की माला पड़ी हुई है। इसकी जानकारी उन्होंने स्थानीय लोगों को दी। घटना की सूचना मिलते ही रामगढ़, नगई, बिरती सहित अन्य गांवों के लोग वहां पहुंच गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर से एक ब्रह्माजी की अष्टधातु की मूर्ति, कुछ पीतल की मूर्ति व महंत के बक्से को तोड़ नगदी व अन्य सामान की चोरी की गई है। महंत मूल रूप से सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के जयथल गांव के रहने वाले थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग 30 साल पहले यहां आये थे। उन्हें बाल्मीकि दास उर्फ अन्हरा बाबा की मृत्यु के बाद मंदिर की देखरेख के लिए रखा गया था। हत्या की घटना से लोगों में आक्रोश है।
एसडीपीओ जितेंद्र कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर रणधीर कुमार, सीओ इन्द्रवंश राय, हसनपुरा प्रभारी दीपक कुमार ने घटनास्थल पहुंच बारीकी से जांच की। एसडीपीओ ने महंत तारकेश्वर गिरि, प्रधान पुजारी तारकेश्वर उपाध्याय, धार्मिक न्यास समिति के कोषाध्यक्ष शर्मा व अन्य लोगों से बात की व घटना की जानकारी ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सीवान भेज दिया है। पूछताछ के लिए महंत के साथ रहने वाले दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
लोगों की मांग पर बुलाया खोजी कुत्ता
स्थानीय लोगों की मांग थी कि खोजी कुत्ते को बुलाकर हत्याकांड का खुलासा कराई जाए। शांत स्वभाव के संत की निर्मम हत्या से सभी लोग विचलित हैं। स्थानीय लोगों की मांग पर छपरा से खोजी कुत्ता मंगाया गया। छत पर गिरे खून को सुंघकर कुत्ता पहली बार बगिया होते हुए बिरती गांव की ओर जाने वाली सड़क पर एक बोरिंग तक गया। दूसरी बार विश्वकर्मा मंदिर की ओर। लेकिन, कोई सुराग नहीं मिला।
मंदिर और पुजारी हैं असुरक्षित
बाबा महेंद्रनाथ मंदिर मेहंदार के महंत तारकेश्वर गिरि ने कहा कि क्षेत्र के मंदिर व उस पर रहने वाले महंत व पुजारी असुरक्षित हैं। मंदिरों की सुरक्षा में पुलिसबल की तैनाती होनी चाहिए। लॉकडाउन से पहले मंदिर के आसपास दिन-रात चहल पहल रहती थी, इससे लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस करते थे। लॉकडाउन के बाद से पूरा मेहंदर सुनसान है। फलस्वरुप अपराधियों का मनोबल बढ़ा है। इसी का फायदा उठाते हुए इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया
है।
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे शुक्ला
मृतक योगेंद्र शुक्ला उर्फ शुक्ला बाबा मूल रूप से सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के जयथल गांव के रहने वाले थे। तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। इनकी शादी नहीं हुई थी। दो छोटे भाई राजेंद्र शुक्ला व वीरेंद्र शुक्ला का परिवार अभी भी गांव पर है। माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। घटना का समाचार सुनते ही दोनों भाई शव लेने के लिए मेहंदार पहुंचे। शुक्ला बाबा बहुत ही शांत स्वभाव व मिलनसार थे।
पूर्व में भी कई बार हो चुकी है चोरी स्थानीय लोगों की मानें तो पूर्व में भी कई बार मंदिर में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। 200 साल पुराने इस मंदिर में कई महंत आये और चले गए। 70 के दशक में रामेश्वर दास यहां आये। मंदिर के पास लगभग 6 बीघा जमीन है। जिस पर खेती कर गाय पालन कर मंदिर का राग भोग लगाने लगे। लेकिन उनके साथ भी अपराधियों ने कई बार मारपीट व चोरी की घटना को अंजाम दिया।
तंग आकर वह यहां से चले गए। त्रिलोकीनाथ पांडेय ने बताया कि रामेश्वर के जाने के बाद बाल्मीकि दास उर्फ अन्हरा बाबा यहां के कार्यभार संभाले। उन्होंने ही मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे रमणिक बनाया। उनके मरने के बाद लगभग 30 साल पहले योगेंद्र इस मंदिर की कार्यभार संभाले। उनके स्वभाव और रहन-सहन से लोग काफी खुश थे।
क्या कहते हैं एसडीपीओ
एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय ने कहा कि मंदिर के महंत की हत्या की गई है। पुलिस घटना के हर एक पहलू पर अनुसंधान कर रही है। जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। मूर्ति चोरी की बात लोगों ने बताई है इस बिंदु पर भी जांच जारी है।