- कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर दिए निर्देश
- अप्रैल से जून माह तक संभावित प्रसवों को चिन्हित कर दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधा
- आशा एवं आशा फैसिलिटेटर सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए गर्भवतियों के घरों का करेंगी दौरा
- जटिल प्रसव वाली महिलाओं को अस्पताल में मिलेगी समुचित देखभाल
सिवान: कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ आज पूरा विश्व जंग कर रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण से राज्य भी अछूता नहीं है. संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने जहाँ सरकार के लिए चुनौतियाँ खड़ी की है, वहीँ इसके कारण मातृत्व स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हुयी है. गर्भवती माताओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की नियमितता काफ़ी जरुरी है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सके. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान दी जाने वाली जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को नियमित करने के उद्देश्य से जरुरी दिशानिर्देश दिया है. पत्र के माध्यम से प्रसव पूर्व जाँच, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं, गर्भावस्था के दौरान दी जाने वाली जरुरी दवाएं एवं गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग जैसे अन्य जरुरी मातृव स्वास्थ्य सेवाओं को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पहले की तरह नियमित करने के निर्देश दिया गया है.
अप्रैल से जून माह तक संभावित प्रसवों को चिन्हित कर दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधा
पत्र के माध्यम से तीन माह( अप्रैल, मई एवं जून) में जिन गर्भवती महिलाओं की एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट(संभावित प्रसव दिन) हैं, उनके लिए स्वास्य्म संस्थानों को अनिवार्य रूप से चिन्हित कर लाइन लिस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट के एक सप्ताह के पूर्व से लगातार प्रतिदिन सभी चिन्हित गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य समस्या की जानकारी एकत्रित करने एवं अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य संस्थानों पर लाकर प्रसव करना सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. पत्र में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाने एवं उन्हें वापस घर पहुँचाने के लिए 102 नंबर की एम्बुलेंस का उपयोग किया जाए. साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं रेफ़रल अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसूति को सभी जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए.
उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच के लिए एम्बुलेंस
पत्र में निर्देशित गया है कि उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्राप्त हो. साथ ही उनके लिए एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की भी बात कही गयी है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए अस्पताल में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को नियमित प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी गर्भवती माताओं को दूसरे तिमाही से 180 आयरन की गोली, 360 कैल्शियम की गोली एवं कृमि से बचाव के लिए 1 एल्बेन्डाजोल की गोली भी प्रदान करना सुनिश्चित करने की बात कही गयी है.
आशा एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा गृह भ्रमण
आशा एवं आशा फैसिलिटेटर कोविड-19 में उत्पन्न विषम स्थितियों में भी गर्भवती महिलाओं के घरों का दौरा कर रही हैं. पत्र में कहा गया है कि जिन महिलाओं की संभावित प्रसव दिन नजदीक हैं, उनके घरों का दौरा करने के दौरान आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को सामाजिक दूरी एवं अन्य कोविड-19 बचाव प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. साथ ही आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को गृह भ्रमण कर चिन्हित गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के लिए योजना तैयार कर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं.
जटिल प्रसव वाली महिलाओं को मिले बेहतर स्वास्थ्य सेवा
जटिल प्रसव वाली महिलाओं को (जैसे सीवियर एनीमिया, गर्भावस्था के दौरान मधुमेह) को एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट के पूर्व से अस्पताल लाकर उनकी उचित देखभाल करने की बात कही गयी है. जबकि सामान्य गर्भवती महिलाओं को आशा की सहायता से एएनएम द्वाराफ़ोन पर संपर्क स्थापित कर उन्हें ससमय स्वास्थ्य संस्थान पर लाकर संस्थागत प्रसव कराने के निर्देश दिए गए हैं. कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुए संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल का अनुसरण करते हुए स्वास्थ्य संस्थानों पर मातृत्व सेवाएं प्रदान करने के निर्दश दिए गए हैं.