परवेज अख्तर/सिवान :- शिक्षा-स्वास्थ्य एवं रोजगार के सवालों को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के छात्रों ने सड़क पर उतर आक्रोश जाहिर किया। साढ़े बारह बजे से एक बजे तक छात्र चिलचिलाती धूप में हीं खड़े रहे। सभी छात्रों को लैपटॉप, टेबलेट या स्मार्टफोन फ्री इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने, लॉक डाउन के दरम्यान का स्कूल-कोचिंग की फी,रूम रेंट एवं बिजली का बिल माफ करने तथा कमजोर संचालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने, एसटीईटी-दारोगा-सिपाही की परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जाँच कराने, एसटीईटी परीक्षा मनमाने तरीके से रद्द करने के फैसले को वापस लेने, अपने घर लौटे मजदूरों को राज्य के अंदर काम उपलब्ध कराने, घर-घर अभियान चलाकर कोरोना जाँच कराए जाने एवं प्रखंड स्तर तक जाँच केंद्र खोलने,स्वास्थ्य का केरल मॉडल अपनाने की माँग छात्रों ने की।
क्वारन्टीन केंद्रों की कुव्यवस्था को दूर करने, भगत सिंह रोजगार गारंटी कानून(BNEGA) लागू कर सभी को सम्मानजनक रोजगार देने,12 घंटे काम का फरमान वापस लेकर पुनः 8 घंटे काम के अधिकार को लागू करने, निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर उन्हें राष्ट्रीयकृत कर उनमें काम करनेवाले चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने आदि सवालों को लेकर प्रदर्शन किया।प्रदर्शन के दरम्यान छात्र हाथ में माँगों से संबंधित तख्तियां लिए हुए थे। प्रदर्शन के पश्चात जिला पदाधिकारी के यहाँ एक प्रतिनिधिमंडल गया। जिला पदाधिकारी के मीटिंग में मौजूद होने के कारण प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के विशेष कार्य पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान मौके पर मौजूद एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा महामारी के वक्त में स्कूल बंद है और सरकार 15 अगस्त के बाद स्कूल खोलने पर विचार कर रही।जब ऑनलाइन हीं पढ़ाई चल रही तो इस अवधि में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई निर्वाध चलने के लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्ट फोन इंटरनेट कनेक्शन के साथ सरकार मुहैया कराए। लॉक डाउन की अवधि की स्कूल-कोचिंग फी, रूम रेन्ट एवं बिजली बिल माफ करने का आदेश सरकार दे और कमजोर संचालकों को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करे।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री केवल 20 लाख करोड़ का ऐलान हीं नहीं करें उसे जमीन पर उतारें। अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में सत्तापक्ष एवं विपक्ष कूद चुका है लेकिन छात्रों का क्या होगा।इसका जबाव देना होगा।
जिला संयोजक शशि कुमार ने कहा कि जब पूरा देश महामारी से त्रस्त है उस वक्त में केरल मॉडल ने रौशनी दिखाई है। बिहार सहित देश के हर राज्य में स्वास्थ्य का केरल मॉडल लागू करना चाहिए।एसटीईटी, दारोगा, सिपाही एवं सभी धांधलीयुक्त परीक्षाओं की सीबीआई जाँच की माँग की।उन्होंने घर लौट रहे मजदूरों को राज्य के अंदर काम देने की माँग करते हुए भगत सिंह रोजगार गारंटी कानून लागू करने की माँग की। इस मौके पर एआईएसएफ के जिला सह संयोजक नंद जी चौहान, बड़हरिया अंचल सचिव मो. गयासुद्दीन, राजकमल, सोनू कुमार, मनीष पांडे, रिजवान अली मौजूद थे।