- मृतिका के पति ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी पर लगाया आरोप
- मृतिका का शव अगर होता पोस्टमाटर्म तो मिल जाती सरकारी मुआवजा
- धान का बिचड़ा उखाड़ने के दौरान महिला की ठनका गिरने से हुई थी मौत
- मृतिका बड़हरिया के सुरवलिया गांव की थी रहने वाली
- न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है मृतिका का पति बाबूराम
परवेज़ अख्तर/सिवान:- जिले के बड़हहरिया थाना क्षेत्र के सुरवलिया गांव में गुरुवार को धान का बिचड़ा उखाड़ने के दौरान गांव के ही बाबू राम की पत्नी पार्वती देवी( 50वर्ष )की मौत हो गई थी।तथा उनकी पुत्री बबुन्ति कुमारी व पुत्र गुलशन कुमार आंशिक रूप से घायल हो गया था।दोनों घायलों में पुत्री बबुन्ति कुमारी की हालत गम्भीर बनी हुई है।फिलहाल जिसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।पार्वती देवी की मौत से पति समेत सभी बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।आसपास के ग्रामीणों ने शोकाकुल परिवार वालों को सांत्वना दे रहे हैं। बताया जाता है कि बाबू राम का परिवार काफी गरीब है। घर के सदस्य दूसरे के खेतों में मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते हैं.
इस दौरान पार्वती देवी एवं उसकी पुत्री बबुन्ति कुमारी,पुत्र गुलशन कुमार गांव के ही बिदा शर्मा के खेत में बिचड़ा उखाड़ने गए थे।उसी क्रम में तेज बारिश के दौरान ठनका गिरने से बाबू राम की पत्नी पार्वती देवी की मौत हो गई।इस दौरान पुत्री बबुन्ति कुमारी घायल हो गई। वही उसका पुत्र गुलशन कुमार भी आंशिक रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में परिजनों ने तीनों को इलाज हेतु सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी ने पार्वती देवी को मृत घोषित कर दिया ।वहीं घायल पुत्री बबुन्ति कुमारी का इलाज सिवान सदर अस्पताल में चल रहा है।जबकि गुलशन कुमार आंशिक रूप से घायल होने के कारण चिकित्सकों ने घर भेज दिया है।
जिसकी हालत ठीक बताई जा रही है। मृतिका का पति बाबूराम ने शनिवार को सिवान सदर अस्पताल में हंगामा करते हुए यह आरोप लगाया है कि मेरी पत्नी को मृत घोषित होने के बाद ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने जबरन उसके शव को घर ले जाने की बात कही और भागा दिया ।जिस कारण मैं उसका शव उनके कहने पर घर लेकर चला गया। चिकित्सक द्वारा दबाव बनाने के कारण की जांच को लेकर मृतिका के पति बाबु राम द्वारा न्याय के लिए शनिवार को पूरे दिन सिविल सर्जन सिवान के दफ्तर का चक्कर लगाते रहे लेकिन सीएस महोदय द्वारा उनकी नहीं सुनी गई।
मृतिका के पति बाबूराम का कहना था कि अगर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा मुझे नहीं बोला गया होता तो मैं अपनी पत्नी का शव बिना पोस्टमार्टम कराए घर लेकर नहीं जाता ।बतादें की पार्वती देवी को छह पुत्री तथा तीन पुत्र है. जिसमें चार पुत्री तथा एक पुत्र की शादी हो चुकी है. मां की मौत के बाद सविता, बबीता, राधा, मीरा, सरिता, पुत्र अरविद राम, गोविद राम, गुलशन कुमार समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।