- आशा घर-घर जाकर 0 से 5 साल के बच्चों के स्वास्थ्य की करेगी मॉनिटरिंग
- किसी भी बच्चे में कोविड-19 का लक्षण पाए जाने पर तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र को करेंगे सूचित
छपरा: कोरोनावायरस के संक्रमण के मद्देनजर गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का लाइन लिस्टिंग तैयार कर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारी, सभी असैनिक शल्य चिकित्सक का मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आईसीडीएस के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है।
बच्चों, गर्भवती एवं गंभीर रोगों से बीमार लोगों को मिलेगी विशेष देखभाल
जारी पत्र में बताया गया है कि बाहर से आने वाले व्यक्ति जो होम क्वारंटाइन में है उनके परिवार में गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग कर उनके फॉलो करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि होम क्वॉरेंटाइन के व्यक्तियों के साथ उनके परिवार में मौजूद गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनकी लाइन लिस्टिंग कि जाए तथा विशेष निगरानी रखी जाये। विदित है कि पल्स पोलियो की टीम द्वारा पूरे राज्य में कोविड-19 के लक्षण आत्मक व्यक्तियों को चिन्हित करने के उद्देश्य से व्यापक सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें पूरे बिहार में कुल 1.87 करोड़ घरों में 10.40 करोड़ व्यक्तियों का सर्वेक्षण करते हुए लाइन लिस्टिंग तैयार की गई थी। अब चिन्हित हाउसहोल्ड में मौजूद गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों बीपी, हृदय, डायबिटीज, किडनी, कैंसर एवं टीबी मरीज सहित 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करते हुए उनकी विशेष निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं.
कोविड-19 से बचाव की देंगी जानकारी
जारी पत्र में बताया गया है कि आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों को भी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, होम क्वॉरेंटाइन से संबंधित जानकारी देंगी। कोविड-19 के अंतर्गत होम वर्णन से संबंधित आवश्यक सुझाव के लिए राज्य स्तर से उपलब्ध कराए गए पंपलेट को घर-घर भ्रमण के दौरान उपलब्ध कराएंगे हम दिए गए सावधानियों की जानकारी घर के सदस्यों को देंगी।
नजदीक के अस्पताल को करें सूचित
पत्र में बताया गया है कि उच्च जोखिम जैसे सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द या दबाव महसूस करना, मानसिक रूप से असामान्य/ सुस्त होना, होठों का नीला होना इत्यादि तकलीफ होने पर आशा कार्यकर्ता तुरंत अस्पताल को सूचित करेंगी। साथ में ही आशा कार्यकर्ता सर्वेक्षण के दौरान कोविड-19 से स्वयं की सुरक्षा के लिए मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग आदि सावधानियों का पालन निश्चित रूप से करेंगी। साथ ही टोल फ्री नंबर 104 एवं 80 10 11 12 13 पर कॉल कर टेलीमेडिसिन के संबंध में मुफ्त सलाह प्राप्त करने के लिए परिवार के सदस्यों को आवश्यक जानकारी देंगी। निशुल्क एंबुलेंस की सेवा लेने के लिए टोल फ्री नंबर 102 104 की जानकारी घर के सदस्यों को देंगी।
घरों की होगी मार्किंग
घर-घर सर्वे के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिया गया है कि गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए गेरू या चौक से घर पर निशान लगाया जाएगा। आशा द्वारा तैयार की गई 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की सूची आंगनबाड़ी सेविका को उपलब्ध कराई जाएगी।
चिन्हित व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं का दुरभाष से किया जाएगा अनुश्रवण
पत्र के माध्यम बताया गया है कि आशा द्वारा चिन्हित की गई गर्भवती महिला जिनका प्रश्न 1 से 2 माह के अंदर है उनका भी रूप से बीमार व्यक्तियों बीपी हृदयरोग डायबिटीज किडनी कैंसर एंड टीवी मरीजों का प्रखंड समुदायिक उत्प्रेरक या प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा दूरभाष के माध्यम से अनुश्रवण किया जाएगा। साथ ही चिन्हित व्यक्तियों को नजदीक के आइसोलेशन सेंटर से टैग करने तथा कोविड-19 के आउटब्रेक की स्थिति में उन्हें आवश्यकतानुसार आइसोलेट करने के लिए प्रखंड समुदायिक उत्प्रेरक या प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा पूर्व से आवश्यक कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं.