पटना :- बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 5 दिनों में केसों की संख्या में 30 % का उछाल आया है। लेकिन क्या आपने वहां के किसी अखबारों में या फिर बरसाती घास जैसे उग आए यूट्यूब चैनलों पर इसके बारे में खबर देखी है… क्या किसी ने नीतीश कुमार से यह सवाल करने की कोशिश की कि हालात कैसे बेहतर होंगे। इसके पीछे की वजह बताएं। लेकिन पहले बता दें कि फिलहाल स्थिति क्या है।
जब दिल्ली की गिनी चुनी मीडिया ने सवाल करने शुरू किए तो आनन-फानन में फैसला हुआ कि केंद्रीय टीम पटना जा रही है। लेकिन याद करिए महाराष्ट्र, दिल्ली, और बंगाल जब केस बढ़ रहे थे तो कैसे हाय तौबा मची थी। केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा लग रहा था कि बस सरकार हटाओ, कोरोना भगाओ। मतलब वहां की सरकार ही इन सबके लिए जिम्मेदार है। अगर यह जिम्मेदारी उस वक्त तय की जा रही थी तो इस वक्त नीतीश कुमार के लिए तय क्यों नहीं हो रही है। क्योंकि बीजेपी सत्ता की मलाई साथ खा रही है।
इतना ही नहीं दुर्भाग्य देखिए स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे खुद बिहार से आते हैं लेकिन क्या आपने कोई बयान या फिर कोई निर्देश बिहार को देते , कहते सुना क्या खंगाल लीजिए इनके सोशल मीडिया को कुछ नहीं मिलेगा सब ठन- ठन गोपाल.. इतना ही नहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे उन्हें तो वरदान मिला है मंत्री बने रहने का। मुजफ्फरपुर का पिछले साल का हाल देखा था ना तब भी बिहार की मीडिया उन पर चुप थी आज भी मीडिया चुप है।
दरअसल बिहार सरकार ने कुछ दिन पहले ही सरकारी विज्ञापन दिल्ली से लेकर बिहार तक के मीडिया को दिए थे… और इतना ही नहीं बिहार के यूट्यूब चैनलों को भी विज्ञापन देने की बात कही गई है… मिला हालांकि अभी तक कुछ नहीं है… इसी उम्मीद में सुशासन भजन जारी है.. कोई सवाल नहीं नीतीश कुमार से और ना ही कोई बयान… फिलहाल आपको तारीफ करनी चाहिए विपक्ष की कि वो सवाल तो पूछ रहा है वरना हालात कैसे हैं आपने देखा ही होगा… बेगूसराय, पटना, भागलपुर.. हर दिन बिगड़ती व्यवस्था.. बल्कि खबरों की मानें तो वहां टेस्टिंग करने के रिजल्ट देने में देरी की जा रही है जिससे आंकड़ें एकाएक ना बढ़े… लेकिन जान के साथ खिलवाड़ यह कैसे जायज है।
सवाल सरकार से पूछना तो होगा तीन महीने से चुनाव की तैयारी के अलावा क्या किया ये भी पूछना होगा। इतना ही नहीं अपने सांसदों और विधायकों को फोन करते रहिए आप लोग और उनसे कहिए कि जिला के अस्पतालों की व्यवस्था को दुरुस्त करें वरना वक्त पर कोई सुनेगा ही नहीं आपकी। इसलिए बिहार के मीडिया और जो बिहार के दिग्गज पत्रकार चैनलों में हैं वो बिहार की स्थिति पर लगातार सवाल उठाएं… सरकार को कठघरे में लाएं तभी बिहार बचेगा।