- बोले, ‘कोरोना से बचना है तो हमें सतर्क रहना होगा’
- 2 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे अहमद अली
- सतर्कता और जागरूकता से अपने परिवार को संक्रमित होने से बचाया
छपरा :- ‘‘कोरोना वायरस से बचना है तो हमें सतर्क रहना होगा। साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम करें। घर पर बना खाना खाएं और जंक फूड से दूरी बनाकर रखें। मास्क पहनें और शारीरिक दूरी का पालन करें। ऐसा करने से कोरोना का संक्रमण किसी को छू भी नहीं पाएगा’’ यह संदेश दे रहें हैं कोरोना को मात दे चुके सारण के पहले कोविड-19 के पॉजिटिव मरीज अहमद अली। सारण में 2 अप्रैल को पहला कोविड-19 का पॉजिटिव मरीज पाया गया। वह सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के चांदपुरा गांव के रहने वाले 34 वर्षीय अहमद अली है, जो इंग्लैंड से लौटे थे। उन्होंने वहाँ से लौटने के बाद खुद को परिवार से दूर रहकर 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहे.
जिसके बाद उनका सैंपल लिया गया और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गयी। हालांकि अहमद अली के समझदारी और जागरूकता के बदौलत उनके पूरे परिवार संक्रमित होने से बच गये। अहमद अली के जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनको आईसोलेशन सेंटर में भर्ती किया गया तथा उनके परिवार के सभी सदस्यों को क्वारेंटाईन किया गया। हलांकि उनके परिवार के सभी सदस्यों का रिपोर्ट निगेटिव नहीं आयी. अहमद अली को करीब 12 दिनों तक आईसोलेशन सेंटर पर रखकर बेहतर उपचार किया गया। इस दौरान डॉक्टरों और उनके परिवार के सदस्यों ने उनका हौसला बढाया। जिसके बदौलत आज अहमद अली कोरोना को मात दे चुके हैं। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
घर में होने के बावजूद खुद को परिवार से रखा दूर
अहमद अली जब इंग्लैंड से आये थे तो खुद को होम क्वारेंटाइन किया। घर में रहकर भी अपने परिवार से दूर रहें। अहमद अली बतातें हैं कि वह अपनी बीबी और बच्ची से वीडियो कॉल से बात करते थे। 14 दिनों तक परिवार के किसी भी सदस्य के संपर्क में नहीं आये। जिसका परिणाम यह हुआ कि किसी भी सदस्य को संक्रमण नहीं हुआ।
आईसोलेशन सेंटर में 12 दिनों तक रहें
अहमद अली बतातें हैं कि इंग्लैंड से लौटने के दौरान मुंबई उनका थर्मल स्क्रिनिंग किया गया। घर आने के बाद मैं 14 दिन होम क्वारेंटाइन रहे। फिर उनका सैंपल लिया गया और 2 अप्रैल को पता चला कि रिपोर्ट पॉजिटिव है। उसके बाद उन्हें आईशोलेशन सेंटर और उनके परिवार के सभी सदस्यों को क्वारेंटाइन में रखा गया। अहमद अली को आईशोलेशन सेंटर में 12 दिन तक रखा गया। वे आईसोलेशन सेंटर की व्यवस्था से काफी खुश हैं। वहां उनको बेहतर इलाज के साथ-साथ अच्छा खाना भी मिल रहा था।
डॉक्टरों व परिवार के लोगों ने ब़ढाया आत्मविश्वास
अहमद अली बतातें हैं जब वे कोरोना से संक्रमित हुए और उनको आईसोलेशन सेंटर में भर्ती किया गया तो स्वास्थ्य विभाग सभी अधिकारियों ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। उनके घर में 6 माह की एक छोटी बच्ची थी और 97 साल के दादा थे। उनको भी क्वारेंटाईन में दूध व फल समय से मिलता रहा। अहमद अली ने बताया वहाँ की व्यवस्था देखकर वह बहुत खुश हुए. प्रशासनिक अधिकारी उनके साथ उनके परिवार के लोगों के आत्म विश्वास को बढ़ाया , जिससे उनलोगों को संक्रमण से उबरने में आसानी हुयी.
परिवार के लोगों में बढ़ी सतर्कता
अहमद अली विदेश से आये थे और उनके आते उन्हें अलग एक कमरे में होम क्वारेंटाइन किया गया। उनके परिवार के लोग पहले से हीं सतर्क थे। लेकिन जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वो लोग थोड़ा घबरा गये। इससे बचाव को लेकर उनके पूरे परिवार को लेकर सतर्क थे। लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अधिक सतर्क हो गये। उसके बाद सभी लोगों को क्वारेंटाईन किया गया, लेकिन 3 दिन बाद पूरे परिवार का रिपोर्ट निगेटिव आया। उसके बाद सभी लोग घर पर हीं क्वारेंटाईन थे। इससे सीख लेकर अभी तक परिवार के लोग सतर्कता बरत रहे हैं।