कोरोना संकट काल में भी एनआरसी में कुपोषित बच्चों को मिल रहा है बेहतर इलाज

0
  • उपचार के साथ साथ दिया जा रहा है पौष्टिक आहार
  • फिलहाल पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती है 15 कुपोषित बच्चे
  • अप्रैल से अब तक 120 बच्चे भर्ती
  • 105 बच्चे हुए सुपोषित

छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच भी कुपोषित बच्चों के बेहतर देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इस संकट में भी पोषण पुनर्वास केंद्र को संचालित किया जा रहा है जिसमें कुपोषित बच्चों को बेहतर उपचार व इलाज के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है। सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अति-कुपोषित बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी) केंद्र का संचालन किया जा रहा है। सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा बच्चों का उपचार एवं पौष्टिक आहार देने के साथ उन्हें अक्षर ज्ञान का भी बोध कराकर स्वास्थ्य एवं शिक्षा की अनूठी मिसाल पेश की जा रही है। एएनएम पुष्पा कुमारी ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में अप्रैल माह से लेकर अबतक तक 120 बच्चों को भर्ती किया गया। जिसमें से जिमसें 105 बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल 15 बच्चों का उपचार पोषण पुर्नवास केंद्र में किया जा रहा है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

आशा कार्यकर्ता, सेविका व सीबीसी कर रहे हैं बच्चों को चिन्हित

कोरोना संकटकाल के बीच भी कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने का कार्य चल रहा है। आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका तथा कम्युनिटी बेस्ड केयर के द्वारा बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जा रहा है।  जहां पर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।

कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बारे में दी जा रही जानकारी

पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती बच्चों के परिजनों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। भर्ती बच्चों को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोने व सैनिटाइज करने की बातें बताई जा रही है।

मिल रही है ये सुविधाएं

एएनएम पुष्पा कुमारी ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र पर कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को आवासीय सुविधा प्रदान किया जा रहा है। जहां उसके पौष्टिक आहार की व्यवस्था है। यहां कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं को 21 दिन तक रखने का प्रावधान है।  मार्गदर्शिका के अनुसार जब बच्चे के वजन में बढ़ोतरी होना आरंभ होने लगता है तो उसे 21 दिन के पूर्व ही छोड़ दिया जाता है।

दी जा रही है ये पौष्टिक आहार

जिला स्वास्थ्य के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार ने बताया कि एनआरसी में भर्ती बच्चों को एफ-100 मिक्स डाइट की आहार दी जाती है जिसमें आहार में खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा आदि शामिल होता है.

तीन स्तर पर कुपोषित बच्चों की होती है पहचान

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में 0 से लेकर 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को ही भर्ती किया जाता है। कुपोषित बच्चों के पहचान के लिए तीन स्तर पर उनकी जांच की जाती है। तीनों जांच के बाद ही बच्चे को कुपोषण की श्रेणी में रखा जाता है।  सर्वप्रथम बच्चे का हाइट के अनुसार वजन देखा जाता है। दूसरे स्तर पर एमयूएसी जांच में बच्चे के बाजू का माप 11.5 से कम होना तथा बच्चे का इडिमा से ग्रसित होना शामिल है।  तीनों स्तर पर जांच के दौरान बच्चे कुपोषित की श्रेणी में रखकर उसे भर्ती कर 1 महीने तक उपचार के साथ पौष्टिक आहार दिया जाता है।

भर्ती बच्चों की मां को प्रोत्साहन राशि

 

एनआरसी केंद्र में भर्ती बच्चों के माता को प्रतिदिन 150 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। भर्ती होने वाले बच्चे शून्य से 5 वर्ष तक के होते हैं। इसके लिए बच्चों की देखभाल के लिए मां को भी साथ रहना पड़ता है।  जहां उनके  रहने एवं भोजन की व्यवस्था के साथ उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 150 रुपए का भुगतान भी किया जाता है।

आशा एवं सेविका को भी 200 रुपए की प्रोत्साहन राशि   

आगंनबाड़ी की सेविका व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे करके कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है और बच्चों को बेहतर उपचार के लिए एनआरसी लाती हैं। इसके लिए आशा एवं सेविकाओं को 200 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है ताकि वह गांव गांव में घूमकर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में भर्ती करवा सकें।