- एक्स-रे तकनीशियन व कंपाउंडर के सहारे चल रहा है सदर अस्पताल
- सिविल सर्जन के कार्यशैली पर उठ रहे हैं कई सवाल ?
- रात के समय में सबसे ज्यादा मरीजों को हो रही है कठिनाई
परवेज़ अख्तर/सिवान : 35 लाख से अधिक की आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सदर अस्पताल की व्यवस्था इन दिनों काफी चरमारा गयी है। हालात यह है कि अस्पताल प्रशासन की सुस्ती के कारण चिकित्सक समय से अपने कक्ष में नहीं बैठ रहे है। जो आ भी रहे है, वे अपने कक्ष में नहीं बैठकर आराम कक्ष में चलें जा रहे हैं। ऐसे में सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है।
इस स्थिति में मरीजों का सामना चिकित्सक की जगह एक्स-रे तकनिशियन, कपाऊंडर व अन्य कर्मियों से हो रहा है। नीम हकीत खतरे जान को चरितार्थ करते ये कर्मी मरीजों का जान खतरें में डालने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही नजारा गुरूवार की दोपहर देखने को मिला। जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी कुछ क्षण के लिये डॉ अरूण कुमार चौधरी आये और मजे से कुछ देर ड्यूटी कर अस्पताल में तैनात एक एक्स-रे तकनीशियन के सहारे पूरे अस्पताल को छोड़कर चले गए।
जब मरीजोंं के द्वारा ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के बारे में पूछी जा रही थी तो तकनीशियन द्वारा बार-बार शौच जाने की बात कह-कह कर टरका रहे थे। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सिवान सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सकों को शौच करने में घंटों लगते हैं। बहरहाल चाहे जो हो इन दिनों सिवान सदर अस्पताल की हालत बद से बदत्तर है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन कुम्भकर्णीय निद्रा से जागने का नाम नहीं ले रही है।
उधर अस्पताल की व्यवस्था चरमरा जाने से आम जनमानस सिविल सर्जन पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं ? सबसे ज्यादा मरीजों को कठिनाई रात के समय में हो रही है। यहां रात के समय में चिकित्सकों की कौन कहे अस्पताल में तैनात अन्य कर्मी भी बड़ी संजोग से नजर आ रहे हैं। मरीज बताते हैं कि अस्पताल में रात के समय में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अपनी हाजिरी बनाकर अपने आराम कक्ष में चले जा रहे हैं। उनको भर्ती मरीजों का ख्याल थोड़ा सा भी नहीं है।