परवेज़ अख्तर/सिवान :- महाराजगंज के अवकाश प्राप्त बीईओ राजकुमार मांझी को 14 माह बाद भी सेवांत लाभ नहीं मिला है। इसको लेकर वे अपने ही कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पिछले साल 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए थे। सेवांत लाभ से संबंधित सभी कागजात जिला मुख्यालय स्थित डीपीओ स्थापना कार्यालय में अवकाश प्राप्त करने के बाद हस्तगत करा दिए थे, लेकिन स्थापना कार्यालय के लापरवाही के कारण एक वर्ष के बाद सामान्य भविष्य निधि का भुगतान किया गया, लेकिन अवशेष लाभ 14 माह बाद भी नहीं मिल पाया। औपबंधिक पेंशन का भी भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। बीईओ द्वारा अधिकारियों व कार्यालय लिपिक उपेंद्र कनैाज से संपर्क किया जाता रहा है।
फिर भी आश्वासन के सिवाय इनकी समस्या का कोई हल कोई नहीं निकाल रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार, पटना के ज्ञापांक 580 दिनांक 6 दिसंबर 2019 के द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी कार्यालय में पदस्थापित लिपिक उपेंद्र कानौज के कारण आजतक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। बाध्य परिस्थिति में सेवांत लाभ व औपबंधिक पेंशन भुगतान के लिए जिला सेवा शिकायत निवारण पदाधिकारी को आवेदन कर गुहार लगाई है। देखने वाली बात यह है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय लिपिक की कार्यशैली पर क्या रुख अपनाते हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब पदाधिकारी सेवांत लाभ के लिए 14 माह से कार्यालय का चक्कर काट रहे है, तो शिक्षकों का क्या हाल होता होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विचार करने वाली बात है।