- कोरोना महामारी में दोहरी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं डॉ अजय
- एक साथ कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं
- 5 महीने से बिना छुट्टी लिए कर रहे हैं ड्यूटी
- प्रतिदिन 12 से 14 घंटे करते हैं ड्यूटी
छपरा: कोरोनावायरस संक्रमण काल में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करने से संक्रमण की रोकथाम में आसानी हुयी है. स्वास्थ्य कर्मियों की इस निःस्वार्थ सेवा को किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे भी चिकित्सक हैं जो दोहरी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। इस सूची में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। डॉ शर्मा इस महामारी के दौरान एक साथ कई अहम पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। समय की नजाकत को देखते हुए विभाग ने उन्हें कई अहम पद की जिम्मेदारी दी है, जिसे वह ईमानदारी पूर्वक निभा रहे हैं। डॉ अजय कुमार शर्मा सारण के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं। इसके अलावा उन्हें आइसोलेशन सेंटर का नोडल पदाधिकारी भी बनाया गया है। सारण के सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हो गए थे जिसके बाद डॉ अजय कुमार शर्मा को सारण के सिविल सर्जन का प्रभार दिया गया था। इसके अलावा उन्हें यक्ष्मा विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है। पूरे जिले के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उनके कंधे पर सौंपी गई है।
रात में भी करते हैं ड्यूटी
डॉ अजय कुमार शर्मा करीब 5 महीने से बिना छोटी लिए दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। डीआईओ के साथ वह आइसोलेशन वार्ड के नोडल पदाधिकारी कभी पद संभाल रहे हैं । इस दौरान उन्हें कई बार रात में भी आइसोलेशन वार्ड का दौरा करना पड़ता है तथा कर्मियों और चिकित्सकों को गाइड करना पड़ता है. आइसोलेशन वार्ड में उपचार एवं सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में डॉ. शर्मा अहम योगदान देते हैं। इसके साथ ही सिविल सर्जन जैसे जिम्मेदार पद पर होने के नाते संपूर्ण जिले के स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग करने की भी जिम्मेदारी इनके कंधों पर है. सतह ही जिले में चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सफल संचालन कर्मियों की प्रशिक्षण रिक्त पदों पर बहाली तथा चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। प्रतिदिन 12 से 14 घंटे बाद ड्यूटी कर रहे हैं।
समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नहीं भूलना चाहिए
डॉ अजय कुमार शर्मा ने बतया कोरोना संकट के इस दौर में जब चिकित्सक कर्मियों की भूमिका बेहद अहम हो गई है, तब एक चिकित्सक होने के नाते वह अपने निजी समस्याओं को अधिक महत्व नहीं दे सकते। सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले इस दौर में अधिक परेशान हैं एवं उन्हें बेहतर सुविधा के साथ मानसिक सहयोग की भी जरूरत है. इसलिए संकट के समय समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नहीं भूला जा सकता है. उन्होंने बताया इस संक्रमण काल से निपटने के लिए सभी की सहभागिता समान रूप से जरूरी है । कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिले में पुरजोर तरीके से कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया लोगों की सेवा करना उनका दायित्व है जिसे सुनिश्चित करने में संपूर्ण स्वास्थ्य महकमा जुटा हुआ है. उन्होंने कहा लोगों द्वारा उन्हें कोरोना योद्धा की जो संज्ञा दी गई है उससे उनका मनोबल बढ़ा है और यही कारण है कि दिन-रात एक करते हुए कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में वह लगे हुए हैं। उन्होंने बताया उनके परिवार वालों का भी इसमें अहम भूमिका रही है. परिवार द्वारा भी उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे वह आगे कार्य करने के लिए उत्साहित होते हैं.
टीकाकरण पर विशेष जोर
डॉ अजय कुमार शर्मा कहते हैं कोरोना संकट के बीच अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके बीच नियमित टीकाकरण भी बहुत जरूरी है। जिले में नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। नियमित रूप से चिकित्सकों व कर्मियों के साथ बैठक कर माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है, ताकि जिले में नियमित टीकाकरण के शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया जा सके। सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आरोग्य दिवस पर टीकाकरण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। पिछले माह जिले में लक्ष्य से अधिक लोगों को टीका लगाया गया था।
टीबी मरीजों का भी हो रहा है निरंतर उपचार
यक्ष्मा विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ शर्मा ने बताया कोरोना संकट के बीच टीबी के मरीजों का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। यक्ष्मा विभाग में टीबी के मरीजों का भी निरंतर उपचार किया जा रहा है तथा आवश्यक दवाओं का निशुल्क वितरण भी किया जा रहा है। कोरोना संकट के बीच टीबी के मरीजों के विशेष देखभाल की जरूरत है.