परवेज अख्तर/ सिवान :- सदर अस्पताल में मरीजों के लिए कई व्यवस्थाएं की गई है, लेकिन लंबे समय से यहां किडनी के मरीजों के लिए डायलिसिस यूनिट नहीं बन सकी। जगह की कमी के कारण अब तक इस सुविधा से अस्पताल वंचित है। लिहाजा, किडनी के मरीजों को पटना रेफर करना पड़ता है। इससे रोगियों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी होती है। आर्थिक रूप से संपन्न मरीज निजी अस्पतालों में चले जाते हैं, जबकि गरीब को पटना मेरिूकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) भेजा जाता है। बताया जाता है कि राज्य सरकार ने सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट लगाए जाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अस्पताल में जगह का अभाव होने के कारण इसकी स्थापना नहीं की जा सकी।
सदर अस्पताल परिसर में डायलिसिस यूनिट लगाने के लिए 1200 वर्ग फीट जमीन की आवश्यकता है, लेकिन प्रशासन अब तक भूमि उपलब्ध नहीं करा सका। इस कारण छपरा में इस यूनिट की स्थापना की गई। दो माह पहले यूनिट लगाने के लिए एक बार फिर प्रस्ताव आया है। मगर इतनी जमीन अस्पताल प्रशासन के पास नहीं है। ऐसे में शहर के रोगियों को अब भी पटना पर निर्भर रहना होगा। निजी अस्पतालों में जाकर मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी अन्यथा पीएमसीएच के भरोसे रहना होगा।
सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने बताया कि 2014 के पूर्व राज्य सरकार ने इस यूनिट को लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन जमीन की कमी के कारण नहीं लग पाई। दो माह पूर्व फिर से यूनिट लगाने का प्रस्ताव आया है, लेकिन जगह का अभाव है। बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। यूनिट की स्थापना के बाद डायलिसिस के मरीजों को काफी राहत मिलेगी और अतिरिक्त खर्च से भी छुटकारा मिलेगा। उन्हें जहां-तहां भटकना नहीं पड़ेगा।