संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए नई पहल, आशा घर-घर जाकर करा रही प्रसव पूर्व तैयारी

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  • गर्भवती महिला के घर जाकर तैयार करा रही झोला
  • कोरोना संकट व बाढ़ की स्थिति को देखते हुए शुरू की गई पहल
  • सारण के दरियापुर प्रखंड से हुई पहल की शुरुआत
  • केयर इंडिया की टीम के द्वारा लिया गया इनीशिएटिव
  • हर महीने 450 से 500 महिलाओं का होता है संस्थागत प्रसव

छपरा: जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर आशा कार्यकर्ता द्वारा समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान के साथ-साथ अन्य सेवाओं को भी पहुंचाया जा रहा है। कोरोना संकट और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की गई है। इस प्रसव पूर्व तैयारी के तहत आशा घर घर जाकर गर्भवती महिलाओं के झोला तैयार करा रही है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर अंतिम तिमाही वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर रही है और उन गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिनका प्रसव का समय काफी नजदीक है। उन गर्भवती महिलाओं को खुद उनके घर पर जाकर एक झोला तैयार करा रही है। जिसमें डिटॉल से धुले हुए सूती के कपड़ा, आधार कार्ड, बैंक का पासबुक, आयुष्मान कार्ड, सभी चिकित्सकीय जांच रिपोर्ट व पर्ची, साबुन, ब्लेड कुछ पैसे आदि तैयार किया जा रहा है। ताकि प्रसव के समय किसी तरह की परेशानी न हो सके। जब महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो तो तुरंत उस झोला के साथ महिला को अस्पताल लेकर जा सकें।

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झोले पर चस्पाया जा रहा है जरूरी नंबर

गर्भवती महिलाओं के लिए तैयार किये जाने वाले झोले पर जरूरी नंबर भी चिपकाया जा रहा है। ताकि किसी भी आपात स्थिति में वह चिकित्सक या एएनएम से संपर्क कर सकें। क्षेत्र की आशा, नजदीकी सीएचसी की एएनएम, एंबुलेंस का नंबर, पीएचसी के ड्यूटी रूम का नंबर समेत अन्य जरूरी सेवाओ का मोबाइल नंबर दिया जा रहा है। ताकि किसी भी परिस्थिति में इनसे संपर्क किया जा सके।

केयर इंडिया के टीम ने की पहल

इस नई पहल की शुरुआत करने वाला दरियापुर सारण जिला का पहला प्रखंड बन गया है। जहां पर विभाग के द्वारा इस पहल की शुरुआत की गई है। केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक शशांक शेखर ने बताया, इस नई पहल की कंसेप्ट केयर इंडिया के टीम के द्वारा तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें दिघवारा का चार्ज दिया गया था, तभी उनके मन में ख्याल आया कि इस तरह की कार्य को शुरुआत किया जाए। हालांकि कुछ कारणों से दिघवारा में इसकी शुरूआत नहीं हो सकी। लेकिन दरियापुर में इसकी शुरुआत कर दी गई है और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर यह कार्य कर रही है। बहुत जल्द दिघवारा और सोनपुर में भी इस पहल की शुरुआत की जाएगी, इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस कार्य में केयर इंडिया के कम्युनिटी हेल्थ कोर्डिनेटर अजय कुमार सिंह, कल्याण कुमार, आशा फैसलिटेटर रीता देवी, गीता देवी, रेणुबाला श्रीवास्तव, आशा उषा देवी, शीला सिंह, आशा देवी, सेविका सरिता देवी काफी सराहनीय योगदान दे रहीं हैं।

आशा फैसिलिटेटर व आशा कार्यकर्ता निभा रही हैं महत्वपूर्ण भूमिका

केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक शशांक शेखर ने बताया, इस कार्य को सामुदाय स्तर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर रही है और उनके घर पर ही झोला तैयार कर उन्हें दे रही हैं और संस्थागत प्रसव के फायदे के बारे में भी जानकारी दे रही हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में गर्भवती महिला व उनके परिजनों को बताया जा रहा है।

कोरोना संकट व बाढ़ की स्थिति को देखते हुए शुरू किया गया पहल

कोरोना संकट व बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इस पहल की शुरुआत की गई है। कोरोना संकटकाल में भी संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है । बाढ़ के कारण कई जगहों पर कुछ परेशानियां हो रही हैं। जिसको देखते हुए आशा कार्यकर्ताओं को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है कि वह किसी भी हालत में गर्भवती महिला को अस्पताल में ही लेकर आए। इस पहल की शुरुआत होने से काफी हद तक संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी भी हो रही है और समय से प्रसव पीड़ित महिला अस्पताल पहुंच रही है। इसके साथ केयर इंडिया के टीम सीएचसी स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अंतिम तिमाही वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर रही है।

हर माह 450 से 500 तक होता है संस्थागत प्रसव

केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक शशांक शेखर ने बताया, दरियापुर प्रखंड में हर 450 से 500 तक संस्थागत प्रसव होता है। अगस्त माह में कुल 489 महिलाओं का संस्थागत प्रसव हुआ है।

ये है आंकड़ा

  • जनवरी: 335
  • फरवरी: 353
  • मार्च:305
  • अप्रैल:293
  • मई:311
  • जून:308
  • जुलाई:450
  • अगस्त: 489