- दरौंदा में ढाई माह में गोली मारकर हत्या की तीसरी घटना से खुल रही है पोल
- अज्ञात को नामजद करने में माहिर हैं दरौंदा थानाध्यक्ष
- नामजद मुकदमा का निपटारा कर वाहवाही भी लूटते हैं थानाध्यक्ष
- वर्तमान थानाध्यक्ष के प्रति आम जनमानस में है काफी नाराजगी
परवेज अख्तर/सिवान:- इन दिनों दरौंदा थाना क्षेत्रों में अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होती जा रही है इसके बावजूद स्थानीय पुलिस कुम्भकर्णीय निद्रा से जागने का नाम नहीं ले रही है।जिससे आम जनमानस में काफी दहशत का माहौल है। वही पुलिस कप्तान से वाहवाही लूटने में दरौंदा थाना की पुलिस मस्त दिख रही है।स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस जब संध्या गस्ती व रात्रि गस्ती, में निकलती है तो सिर्फ वाहन चेकिंग कर इसकी खानापूर्ति कर देती है। सीवान – छपरा मुख्य मार्ग होने के नाते पुलिस रात भर वसूली में मस्त रहती है।वसूली में मस्त रहने के कारण आम जनमानस के सुरक्षा का भार लिए दरौंदा थाना की पुलिस पर इसका कोई असर नहीं है।स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर कोई भी सूचना देने के लिए जब थाना के सरकारी नंबर पर फोन की जाती है तो थानाध्यक्ष महोदय द्वारा फोन रिसीव नहीं किया जाता है।
जिससे उनके प्रति आम जनमानस में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। यहां बताते चले कि थानाध्यक्ष महोदय को जब कोई भी पीड़ित द्वारा आवेदन सुपुर्द किया जाता है तो उनके द्वारा अगर अज्ञात मामला होती है तो टालमटोल की जाती है उनके द्वारा दबाव बनाकर बोला जाता है कि आवेदन बदल कर लाओ। जब पीड़ित द्वारा आवेदन बदलकर सुपुर्द किया जाता है तो वह तुरंत प्राथमिकी इंडोज कर देते हैं। इससे यह जाहिर होता है कि नामजद प्राथमिकी में केश को डिस्पोजल कर वह वरीय पदाधिकारियों से पीठ को थपथपाने में पीछे नहीं रहेंगे।बहरहाल चाहे जो हो इन दिनों दरौंदा थाना की पुलिस से आम जनमानस में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। दिन प्रतिदिन क्षेत्रों में अपराधिक घटना में बेतहाशा वृद्धि होती जा रही है।लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं।
लेकिन इसका असर दरौंदा पुलिस पर नहीं पड़ रहा है। यहां बताते चले कि जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के मर्दनपुर गांव में विजय प्रसाद की हत्या के बाद पिछले ढाई महीने के दौरान दरौंदा थाना क्षेत्र में यह तीसरी घटना है। इन तीनों मामले में पुलिस अभी किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यह दर्शाता है कि कांडों के निष्पादन में हमारी जिला पुलिस सुस्त रफ्तार से चल रही है। पुलिस उन्हीं घटनाओं के उद्भेदन में ज्यादा रुचि ले रही है।जिसकी चर्चा जिले में ज्यादा रहती है, या जिन घटनाओं का उद्भेदन करने के बाद पुलिस अपनी पीठ थपथपा सके।इधर आम लोगों की हत्या करने वाले अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद आसानी से फरार हो जा रहे हैं। ऐसे में दरौंदा थाना क्षेत्र में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के बाद यह क्षेत्र अपराधियों के लिए सेफ जोन का रूप ले रहा है।
ज्ञात हो कि 1 जुलाई 2020 को सिवान- पैगमंबरपुर मुख्य पथ पर बालबांगरा पेट्रोल पंप के सामने फर्नीचर दुकानदार मुकेश यादव की बाइक सवार दो अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मृतक के छोटे भाई कमलेश यादव ने दारौंदा थाने में प्राथमिकी कांड संख्या 166/20 दर्ज कराई थी, इसमें महाराजगंज के गुल्लू कुमार एवं भोला कुमार को आरोपी बनाया गया था। वहीं दूसरी घटना 21 जुलाई को रुकुंदीपुर कटहलबाड़ी बगीचे के समीप धीरज साह को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। धीरज बंसतपुर थाना क्षेत्र के मोलनापुर निवासी कामाख्या साह के पुत्र बताया जाता है।
इस संबंध में उसके पिता के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध् प्राथमिकी कांड संख्या 188/20 में दर्ज कराई गई थी। पुलिस अभी इन दोनों मामले की गुत्थी भी नहीं सुलझा पाई भी कि अपराधियों ने मर्दनपुर गांव में 8 सितंबर की रात रुपये के लेनदेन को ले गांव के ही दुकानदार विजय प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में मृतक के बडे़ भाई संजय प्रसाद के बयान पर दारौंदा थाना में कांड संख्या 251/20 में दर्ज तो कर ली गई, लेकिन इंसाफ मिलेगा या नहीं इसका जवाब किसी के पास नहीं है। थानाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने बताया कि सभी मामलों की गहराई से जांच की जा रही है। शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन पुलिस कांडों की इतनी गहराई से जांच कर रही कि स्वयं ही उस गहराई के अंधेरों में गुम हो जा रही है।