- घर-घर जाकर करा रही बच्चों की हाथ धुलाई
- गृहभ्रमण के दौरान बच्चों को सीखा रही हाथों की स्वच्छता के तरीके
- स्वच्छता को अपनाकर कई बिमारियों से हो सकता है बचाव
- पोषण अभियान की सफलता में स्वच्छता की भूमिका अहम
छपरा: जिले में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत समुदायस्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। ‘संपूर्ण स्वच्छता का पालन कर हम सबसे बड़ी मानव सेवा करते हैं’, महात्मा गांधी का यह कथन पोषण माह में सम्पूर्ण पोषण के लक्ष्य को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। स्वच्छता के महत्त्व को घर घर पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गृहभ्रमण को अपना जरिया बनाया है। अपने पोषक क्षेत्र में कोरोना काल में हाथों की सफाई , घर तथा उसके आस पास सफाई रखकर स्वयं को स्वस्थ रखने का संदेश सेविकाओं द्वारा समुदाय तक पहुंचाया जा रहा है।
घर-घर क्यारी से सजेगी पोषण की थाली
डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया कि घर में आसानी से उपलब्ध रोजमर्रा की सामग्रियों से पोषक भोजन तैयार किया जा सकता है। अक्सर देखा जाता है कि घर के पास खली जमीन बेकार पड़ी हुई है और उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसके लिए विभाग के कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि गृहभ्रमण के दौरान घर के लोगों से बात कर उपलब्ध भूमि में मौसमी सब्जी लगाने के लिए लाभार्थियों और उनके परिवारजनों को प्रेरित करें। थोड़ा सा ध्यान रखकर आसानी से घर में ही कई पोषक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। घर में ही पालक , सहजन, पपीता एवं नींबू आदि के पौधे लगाने के लिए समुदाय को प्रेरित किया जा रहा है।
स्वच्छता का पालन से दूर होंगी बीमारियां
डीपीओ वंदना पांडेय ने कहा कि पोषण की शुरुआत व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखकर किया जा सकता है एवं अपने घर एवं आस पास स्वच्छता का ध्यान रखकर कई प्रकार के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए. अगर पौष्टिक व संतुलित आहार लेंगी तो उन्हें कोई बीमारी नहीं होगी। रोजाना आयरन और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करने से हम स्वस्थ रह सकते हैं। गर्भवती एवं धात्री माताओं को अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए।
बच्चे सीख रहे हैं स्वच्छता के गुर
राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि गृहभ्रमण के दौरान उन्होंने यह प्रयास किया है कि बच्चों में नियमित हाथों की सफाई की आदत को उनकी दिनचर्या में शामिल करने में मदद करें। उन्होंने बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके से अवगत कराने के साथ उनके अभिभावकों को भी इसके महत्त्व के बारे में नियमित तौर से जानकारी देना तय किया है। बच्चों के समक्ष उनके साथ हाथ धोने के तरीके समझाते हुए उन्हें भी संतोष की अनुभूति होती है।