परवेज़ अख्तर/सिवान :- कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होता देख रेलवे ने एहतियात के तौर पर 15 जुलाई को जंक्शन पर एक 12 बोगी का आइसोलेन कोच भेजा था ताकि कोरोना के मरीजों का इलाज इन कोचों में संभव हो सके। लेकिन पिछले दो माह से अधिक समय से प्लेटफॉर्म नंबर चार पर खड़े इस कोच की सभी बोगियां जंक्शन पर शोभा की वस्तु बनकर रह गईं हैं। अभी तक इसमें एक भी मरीज का इलाज नहीं किया गया। रेलवे के अधिकारिक से मिली जानकारी अनुसार इसका उपयोग करना और नहीं करना जिला प्रशासन के जिम्मे है। इस कारण जंक्शन पर आइसोलेशन कोच जिला प्रशासन के निर्णय के इंतजार में खड़ी हैं।बता दें कि इस कोच में 12 बोगी हैं, इसमें दस सामान्य बोगी मरीजों के लिए और एक एसी कोच डॉक्टरों के लिए तैयार किया गया है। प्लेटफॉर्म पर बांस से बैरिकेडिग की गई हैं। हर बोगी में शौचालय और स्नानघर है।
कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मंगवाया गया था कोच
बतादें कि जून-जुलाई के समय में जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या में रोजाना ही बढ़ोतरी हो रही थी। प्रतिदिन 100 के करीब मरीज संक्रमित हो रहे थे। इस कारण जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने रेलवे के वाराणसी मंडल को पत्र भेज आइसोलेशन कोच की मांग की थी। इसके बाद रेलवे ने आइसोलेशन कोच को सिवान जंक्शन पर भेज दिया।
कहते हैं अधिकारी
जंक्शन पर आइसोलेश कोच सुविधाओं से लैस होकर तैयार हैं। जिला प्रशासन ने निरीक्षण किया था और जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन कोच का उपयोग करने की बात कही थी।
नवनीत कुमार, स्टेशन अधीक्षक, सिवान जंक्शन