महेंद्र कुमार, नवादा बिहार:- जीवन के निर्माण में जिस तरह पाँच तत्वों की भूमिका होती है. ठीक वैसे ही ग्रहों को समझने में भी तत्वों के स्वरुप को समझना अनिवार्य हो जाता है. ज्योतिष विज्ञान कुल 9 ग्रहों एवं 12 भावों की कहानी ही बयाँ करते हैं. सभी ग्रहों को ज्योतिष विज्ञान में अलग-अलग तत्त्व भी प्रदान कराये गए हैं, जो हमारे जीवन को अपने तत्त्वीय गुण धर्म के अनुरूप प्रभावित भी करते हैं. इसे यदि गौर से देखें तब सम्पूर्ण ज्योतिष विज्ञान पाँच तत्वों की बारीकी से विश्लेषण करती ही प्रतीत होगी. इन ग्रहों की चर्चा होते ही मंगल ग्रह का नाम इस सूची में सबसे पहले आता है. मंगल ग्रह अपने नाम के मुताबिक ही जीवन के मांगलिक कार्यों की शुरुआत को ही दर्शाता है.
किसी भी कार्य की शुरुआत करने में अतिरिक्त श्रम की जरूरत होती है. शुरुआत शब्द खुद के उर्जा स्तर में बढ़ोतरी के परिणाम को ही दिखाता है. इसलिए मंगल ग्रह को भी ऊर्जावान ग्रह की संज्ञा दी गयी है. यह सभी 9 ग्रहों में सेनापति के रूप में कार्य करता है. सेनापति बनने के लिए अदम्य साहस की भी जरूत होती है. ठीक वैसे ही मंगल ग्रह भी साहस को ही दिखाता है. मंगल ग्रह का रंग लाल एवं वर्ण पुरुष है. अभी तक जितने भी गुण मंगल के बताये गए उसके लिए अधिक उर्जा की जरूरत है. इसे ध्यान में रखते हुए ज्योतिष विज्ञान में मंगल ग्रह को अग्नि तत्त्व से जोड़कर बताया गया है. आज से हजारों साल पूर्व ही ज्योतिष विज्ञान का निर्माण हुआ था, जिसमें मंगल ग्रह के तत्व बताये गए थे. लेकिन कुछ दशक पूर्व ही विज्ञान ने मंगल को लाल ग्रह की संज्ञा दी है. यह यही दिखाता है कि विज्ञान के पहले ही मुनियों ने ग्रहों के वास्तविक स्वरुप में भली-भांति समझा था.
मंगल ग्रह के कारक को समझें
मंगल ग्रह छोटे भाइयों, संचार, भूमि, कंधें, रोग, ऋण, शत्रु, किसी कार्य की शुरुआत, चिकित्सा, प्रशासन क्रोध एवं खेल-कूद जैसे अन्य कार्यों का कारक होता है. कारक का अर्थ है जो किसी को प्रभावित करता हो. जितने कारकों की चर्चा की गयी है वे मंगल के नैसर्गिक कारक हैं. इसका अर्थ है यह सभी व्यक्तियों के लिए एक समान है. लेकिन अलग-अलग कुंडली के अनुसार मंगल ग्रह को कुछ तात्कालिक जिमेम्दारियां भी दी जाती है, जो व्यक्ति दर व्यक्ति अलग हो सकते हैं. यदि मंगल ग्रह या आपके शरीर का अग्नि तत्त्व सही स्थिति में नहीं हो तब जिन कारकों को मंगल प्रदर्शित करता है उसमें परेशानी आ सकती है.
कैसे जाने आपका मंगल सही नहीं है
यदि जीवन में किसी भी कार्य की शुरुआत करने में कठिनाई आ रही हो। नेतृत्व की क्षमता विकसित नहीं हो पा रही हो, निरंतर घटना या दुर्घटना का सामना करना पड़ रहा हो, भूमि संबंधी या छोटे भाई से विवाद बढ़ रहा हो, आपके कैरियर में लगातार रुकावट आ रही हो। कुछ ऐसी ही हालात आपके साथ भी हो तो सावधान हो लें। आपकी कुंडली में मंगल की ऊर्जा सही रूप में कार्य नहीं कर रही है।
ऐसे करें मंगल की ऊर्जा को सकारात्मक
- दिनचर्या को संतुलित करें
- मंगलवार एवं शनिवार को लाल चंदन का टीका लगाएं
- हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें
- नहाने से पूर्व दो चुटकी लाल चंदन या रोड़ी पानी में डालकर स्नान करें
- अत्यधिक क्रोध एवं उत्तेजना से बचें
- कार्य को अधिक जल्दीबाजी में शुरू नहीं करें