- आईसीडीएस के कार्यालय में संचालित है जिलास्तरीय परामर्श केंद्र
- कॉल के माध्यम से भी दी जा रही है पोषण की जानकारी
- पोषण के पांच सूत्रों से दूर होगा कुपोषण
छपरा: जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया जा रहा है। आमजनों को पोषण के प्रति नजरिया व उनके रोजाना के व्यवहार में बदलाव लाने के मद्देनजर पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना भी की गयी है। पोषण परामर्श केंद्र की मदद से माता- पिता को अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार व बच्चों में कुपोषण की स्थिति की जानकारी दी जा रही है। आईसीडीएस कार्यालय में जिलास्तरीय पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की गयी है। जहां पर डीपीओ वंदना पांडेय, पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह, जिला परियोजना सहायक आरती कुमारी के द्वारा पोषण पर काउंसलिंग की जा रही है। आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया कि पोषण परामर्श केंद्र की मदद से शिशुओं, बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को आवश्यक पोषण की जानकारी प्राप्त करने में काफी सुविधा हुई है। पोषण संबंधी जानकारियां प्राप्त कर इसके इस्तेमाल से वह अपने रोजमर्रा की रसोई में पोषक तत्वों को शामिल कर सकती है। कुपोषित बच्चों के माता-पिता पोषण परामर्श केंद्र से विभिन्न प्रकार के भोजन में मौजूद पोषक तत्वों के लाभ के बारे में जानकारी हासिल कर अपने बच्चों की सेहत बनाने में उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने बताया सामुदायिक सहभागिता से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गांव के हर घर में शौचालय हो और खुले में कोई भी शौच करने के लिए नहीं जाये। अच्छे पोषण का सीधा संबंध स्वच्छता से है। घर में पकाई जाने वाली चीजों को अच्छी तरह धोया जाये। बच्चों का खाना खिलाने से पहले व शौच के बाद बाद साबुन से हाथ धोना जरूरी है।
पोषण के पांच सूत्रों को मिल रही है जानकारी
आईसीडीएस के जिला परियोजना सहायक आरती कुमारी ने बताया पोषण माह के दौरान पोषण के पांच सूत्रों की चर्चा की जा रही है। इनमें जन्म के पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, एनीमिया प्रबंधन, डायरिया प्रबंधन, स्वच्छता एवं साफ-सफाई जैसे विषय शामिल है। पहले 1000 दिन के तहत बच्चों के जन्म से लेकर दो साल तक की उम्र तक उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर चर्चा की जा रही है। इसके बाद पौष्टिक आहार के अंतर्गत शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने संबंधी बातों की जानकारी दी जा रही है। स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत पर बल दिया जा रहा है। एनीमिया प्रबंधन के तहत आयरन संबंधी दवाओं की जानकारी दी जा रही है। डायरिया प्रबंधन के अंतर्गत शिशुओं के डायरिया से बचाव की जानकारी दी जा रही है।
फोन कॉल के माध्यम से दी जा रही है जानकारी
पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि पोषण परामर्श केंद्र पर तो जानकारी दी ही जा रही है। इसके अलावा फोन कॉल के माध्यम से भी लोगों को पोषण की जानकारी दी जा रही है। पोषण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह पहल शुरू की गयी है, ताकि अधिक से अधिक लोग पोषण के प्रति जागरूक हो सके। पोषण पर अधिक जानकारी लिए 9631010032 पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं।
अब तक 100 अधिक लाभार्थियों को मिली जानकारी
पोषण माह के तहत संचालित जिलास्तरीय पोषण परामर्श केंद्र पर काफी संख्या में लोग जानकारी लेने के लिए पहुंच रहें है। यहां पर अभी तक 100 से अधिक लाभर्थियों को पोषण के प्रति जागरूक किया गया है। पोषण के पांच सूत्रों को विस्तार से जानकारी दी गयी है। इसके साथ हीं पोषण अभियान को जनआंदोलन में बदलने के लिए सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है।
परामर्श केंद्र पर दी जा रही है ये जानाकरी
- जन्म के छह माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलायें
- छह माह के बाद बच्चों को स्तनपान के साथ पूरक आहार दें
- गर्भवती होने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्टेशन करायें
- बच्चों को खाना खिलाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें
- गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें
- गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली जरूरी लेनी चाहिए