- घटना की तह तक जाने के लिए डीजीपी का दरवाजा खटखटाएंगे परिजन
- घटना के तीन दिन बाद भी सदमे से नही उबर पा रहे है परिजन
परवेज अख्तर/सिवान :
पिता हत्याकांड में न्याय की भीख मांग रहे सुमित समेत पूरा परिवार घटना के तीन दिन बाद भी सदमे से नही उबर पा रहा है। आज भी सुमित अपने खोये हुए पिता के ग़म में आंसू बहा रहा है। उसकी हालत दिन पे दिन बिगड़ती जा रही है। पिता के अंतिम काम के वास्ते उतरी लिए वह गुम-सुम होकर अपने बरामदे में यूं बैठ रहा है जैसे उसे लग रहा है कि कहीं से मेरे पिता आकर मुझे आवाज दें। ग्रामीण व परिजन बताते है कि एकलौता पुत्र होने के नाते वह उसे बहुत प्यार देते थे। उसकी हर एक इच्छाओं को पूरी करने में वे अपना पैर पीछे की ओर कभी नहीं खींचते थे। ग्रामीणों ने बताया कि जब सुमित मैट्रिक की परीक्षा पास की थी तो उसके पिता फूले नहीं समाते थे।
रिजल्ट आते ही वे अपने पिता को अपने हाथों से उनके मुंह को मीठा कराया था। सुमित की हालात देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे अपने पिता के सदमे को इस छोटी सी उम्र में कैसे बर्दाश्त कर पा रहा है यह चिंतनीय विषय बना हुआ है ? उधर घटना के तीन दिन बाद भी परिजनों के आंगन से निकल रही करुण चीत्कार से दरवाजे पर बैठे लोगों की आंखें नम होती जा रही है। उधर सुमित को क्या पता कि मेरे पिता मुझे ठुकरा कर जिंदगी के उस दहलीज पर ले जाकर खड़ा कर देंगे, जहां मेरे रिमझिम आंखों के आंसू के खतरे ही सूख जाएंगे !
यहां बताते चलें कि बीते रविवार की दोपहर सिवान जिले के दारौंदा थाना क्षेत्र के करसौत पुल के निकट शातिर अपराधियों ने महाराजगंज प्रखंड के बलऊँ पंचायत के मुखिया सुनील सिंह को अत्याधुनिक हथियार से फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया था। घटना उस समय घटी कि जब वह अपने गांव के मित्र प्रभु यादव को सिवान जंक्शन पर दिल्ली वाली गाड़ी ट्रेन पर बैठा कर बुलेट सवार होकर अपने घर को लौट रहे थे कि तभी पूर्व से घात लगाए शातिर अपराधियों ने उक्त स्थान पर ताबातोड़ फायरिंग कर दी। इस दरमियान मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
बाद में घटना की सूचना जैसे ही उनके पैतृक गांव के ग्रामीणों को लगी तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों का आक्रोश इतना था कि आक्रोशित ग्रामीणों ने सिवान – पैगंबरपुर मुख्य पथ को लगभग चार घंटे तक अवरुद्ध कर स्थानीय पुलिस प्रशासन व सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते रहे। उधर मुख्य पथ अवरुद्ध होने के कारण दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई थी। बाद में सूचना पाकर तेज़ तर्रार महाराजगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पोलस्त कुमार समेत कई पुलिसकर्मी मौके वारदात पर पहुँचें। तथा पहुँचने के पश्चात काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया था।एसडीपीओ महाराजगंज श्री कुमार ने परिजनों को यह सांत्वना दी थी कि जल्द से जल्द घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उधर घटना के दूसरे दिन सोमवार को मृत मुखिया सुनील सिंह के एकलौते पुत्र सुमित कुमार सिंह के लिखित आवेदन पर दारौंदा थाने में एक नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। दर्ज प्राथमिकी में तीन लोगों को आरोपित किया गया था। दर्ज प्राथमिकी में पूर्व दुश्मनागत को लेकर घटना को अंजाम देने की बात कही गई है। प्राथमिकी दर्ज होते ही एसडीपीओ महाराजगंज पोलस्त कुमार के निर्देश के आलोक में पुलिस अपना काम करना शुरू कर दी। इसी बीच पुलिस ने कांड के नामजद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि दर्ज प्राथमिकी के एक अन्य नामजद अभियुक्त अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर है। एसडीपीओ महराजगंज पोलस्त कुमार का कहना है कि उसे भी हर हाल में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बहरहाल मामला चाहे जो हो घटना के तीन दिन बाद भी परिजन सदमे से नही उबर पा रहे हैं।
घटना की तह तक जाने के लिए डीजीपी का दरवाजा खटखटाएंगे परिजन:
परिजनों ने बताया की घटना की तह तक जाने के लिए हम सभी लोग अंतिम काम के बाद डीजीपी एस. के. सिंघल का दरवाजा खटखटाकर न्याय की भीख मांगेंगे। इस दौरान मृतक के एकलौता पुत्र सह कांड के सूचक सुमित कुमार सिंह समेत पूरा शोकाकुल परिवार शामिल रहेंगे।
विधवा मां समेत पूरा परिजनों पर टूटा दुःखों का पहाड़:
मुखिया हत्याकांड के बाद उनके विधवा माता सुगानती देवी, विधवा पत्नी प्रतिमा देवी, पुत्रियों में क्रमशः सपना सिंह व पुनीता सिंह पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृत मुखिया के पिता दारोगा सिंह का पूर्व में देहांत हो चुका है।