बाढ़ का पानी सड़क पर आया, आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूटा

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परवेज़ अख्तर/सिवान:
सिवान जिले चैनपुर-बावनडीह सड़क पर नदी का पानी करीब दो फीट बह रहा है। सड़क पर पानी आने के कारण मुख्य बाजार चैनपुर से बावनडीह, देवपुरा, बावनडीह मठिया, सारण जिले के देवपुरा, डेहुरा सहित आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है। इन गांवों के ग्रामीण चैनपुर बाजार आने के लिए पांच से छह किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। ग्रामीणों के साथ-साथ महिलाओं को भारी समस्या से जूझना पड़ रहा है। खेतों में लगी सब्जी, धान की फसलों को नुकसान हो रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। दाहा नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने लगा है जिससे लोगों में दहशत व्याप्त है।

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वहीं प्रखंड के जगदीशपुर, महानगर, कौली छपरा, जगदीशपुर, घुरघाट, रामपुर, पिपरा, रामगढ़ आदि गांवों में पुन: दाहा नदी का पानी घुसने लगा है, जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत मवेशियों की चारा की ओ रही है। वहीं खेतों पानी प्रवेश करने से किसानों की करीब चार हजार एकड़ भूमि प्रभावित हुई है। पशुपालक अपने पशुओं को सड़क के किनारे बांध रहे हैं। हालांकि सरयू नदी के जलस्तर में कमी हो रही है। इस संबंध में बाढ़ नियंत्रण पदाधिकारी रामनरेश पांडेय ने बताया कि सरयू नदी का पानी रविवार तक काफी तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन अब सरयू नदी का जलस्तर 10 से 12 सेंटीमीटर की रफ्तार से कम हो रहा है। सरयू नदी के तटवर्ती इलाकों में खतरे की कोई बात नहीं है।

इसके बावजूद जगह-जगह होमगार्ड के जवान तैनात हैं, जो बाध पर नजर बनाए हुए हैं। खेतों में बाढ़ का पानी घुसने से रबी फसलों की बुआई में हो सकता है विलंब :दाहा नदी का पानी बढ़ने से रबी की फसल बुआई प्रभावित हो सकती है। इसको लेकर किसान चितित हैं। कचनार निवासी किसान शालीग्राम भगत, उपेंद्र गिरि, कमलेश साह, चैनपुर के दीपक गुप्ता ने बताया कि बाढ़ के चलते धान एवं मक्के की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ा और अब नदी का पानी दुबारा खेतों में आने से पानी निकलने में काफी समय लग सकता है, जिससे रबी की फसल की बुआई पर ग्रहण लग गया है।