परवेज़ अख्तर/सिवान:
बिहार विधानसभा आम चुनाव 2020 के लिए जिला प्रशासन ने सभी आठ विधानसभा क्षेत्र के लिए दूसरे चरण में तीन नवंबर को मतदान होने हैं। इसको लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा जिले में ऐसे 111 खुले मैदानों की पहचान की गई है। जहां राजनीतिक दल अपनी जनसभाएं कर सकते हैं। राजनीतिक दलों को चुनावी सभा के लिए मैदान ढूंढ़ने अब नहीं निकलना होगा। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा जारी सुविधा एप पर राजनैतिक दल के उम्मीदवार अपना आवेदन डालेंगे। ऑनलाइन आवेदन में अपने स्टार प्रचारक के नाम के अलावा शामिल होने वाले लोगों की संभावित संख्या भी बतानी होगी। संभावित संख्या के आधार पर आयोग तय करेगा कि किसी राजनीतिक दल या नेता को कौन सा मैदान आवंटित किया जा सकता है। आवेदन देने के बाद की सारी प्रक्रिया अधिकारी स्वयं पूरी करेंगे और इसके लिए दल के प्रतिनिधि को कहीं भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार मैदानों को किया गया है चिह्नित
विधानसभा चुनाव के लिए जिलांतर्गत द्वितीय चरण के लिए चुनाव प्रचार हेतु जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा विधानसभावार महत्वपूर्ण स्थलों को चिह्नित किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 105 सदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए शहर के गांधी मैदान व राजेंद्र स्टेडियम सहित दस, 106 जीरादेई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 16, 107 दरौली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 12, 108 रघुनाथपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 21, 109 दारौंदा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20, 110 बड़हरिया विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20, 111 गोरेयाकोठी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 12 तथा 112 महाराजगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में नौ मैदानों को चिह्नित किया गया है।
सुविधा एप के माध्यम से होगा मैदानों का आवंटन
चुनाव आयोग ने इस बार कोरोना को देखते हुए खास इंतजाम किये हैं। विधानसभा चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दल अपने चुनाव प्रचार के लिए समय और स्थल की मांग चुनाव आयोग से ऑनलाइन ही करेंगे। चुनाव आयोग अपने नोडल अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट लेने के बाद ऑनलाइन ही राजनीतिक दलों को एनओसी जारी करेगा। इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी सुविधा एप पर वे अपना आवेदन डालेंगे। ऑनलाइन आवेदन में अपने स्टार प्रचारक के नाम के अलावा शामिल होने वाले लोगों की संभावित संख्या भी बतानी होगी। संभावित संख्या के आधार पर आयोग तय करेगा कि किसी राजनीतिक दल या नेता को कौन सा मैदान आवंटित किया जा सकता है। आवेदन देने के बाद की सारी प्रक्रिया अधिकारी स्वयं पूरी करेंगे और इसके लिए दल के प्रतिनिधि को कहीं भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।