- न मिले सिंबल न हुई नामांकन फिर भी तोड़-जोड़ की राजनीति शुरू
- असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए जिला प्रशासन कस चुकी है कमर
- रेल एसपी के निर्देश के आलोक में सिवान जंक्शन की बढ़ाई गई है सुरक्षा
परवेज़ अख्तर/सिवान :
सिवान में विधानसभा चुनाव को लेकर करीब-करीब सभी राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों का नाम साफ हो चुका है। अब सिर्फ विभिन्न पार्टियों को अपने-अपने प्रत्याशियों का सिंबल थमाना बाकी है। हालांकि सभी पार्टी के आलाकमान अपने-अपने प्रत्याशियों को उन्हें क्षेत्रों में निकलने की बात कहते हुए आश्वासन देकर पार्टी कार्यालय से विदा कर रहे है। लेकिन अभी भी सिवान जिले के आठों विधानसभा क्षेत्रों में तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है।
लोग अपने-अपने चहेते को उम्मीदवार बनाने का दावा ठोक रहे हैं। कई संभावित प्रत्याशियोंं के चहेतो द्वारा चुनाव के पूर्व में संभावित प्रत्याशियों के द्वारा किए गए कार्यों का अवलोकन कर आकर्षित-आकर्षित तस्वीरें तथा वीडियो फुटेज सोशल मीडिया के जरिए खूब वायरल कर रहे हैं। ताकि सोशल मीडिया के जरिए उड़ती हुई खबरें पार्टी कार्यालय तथा पार्टी के शीर्ष नेताओं तक पहुंचे ताकि उनको सिंबल मिलने में सहूलियत हासिल हो सके। लेकिन सिंबल देने वाले शीर्ष नेताओं की चुप्पी से संभावित प्रत्याशियों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
अभी न सिंबल मिला और न ही अभी नामांकन हुआ लेकिन पूर्व से ही तोड़-जोड़ की राजनीति जिले के सभी विधान क्षेत्रों में शुरू हो गई है। संभावित प्रत्याशी लोगों के बीच जाकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल “तू डाल- डाल, मैं पात-पात” वाली कहानी संभावित प्रत्याशियों व ग्रामीणों के बीच बनी हुई है। बहरहाल चाहे जो हो फिलहाल सम्पूर्ण जिले में अभी तक किसको किस पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है और किन लोगों को पार्टी का सिंबल दिया गया है। यही चर्चाएं लोग चाय के चुस्की के साथ खूब कर रहे है। उधर चुनाव के पूर्व जो लोगों की मन की बातें सामने उभर कर आ रही है।
उससे यह जाहिर हो रहा है कि इस बार के चुनाव में एनडीए व महागठबंधन के बीच धमासान मुकाबला है। उधर चुनाव को लेकर जिला प्रशासन का यह कहना है कि अगर किसी ने भूल से भी कमजोर तथा गरीब तबके के मतदाताओं को डराने धमकाने की कोशिश की तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर चुनावी अखाड़े के मैदान में उतरे सभी दलों के प्रत्याशियों पर भी प्रशासन की पैनी नजर रहेगी।
पुलिस विभाग से जो जानकारी प्राप्त हो रही है उसमें पुलिस जगत के आला अधिकारी का सीधा तौर पर फरमान है कि चुनाव के दरमियान किसी भी पुलिसकर्मियों को छुट्टी नहीं दी जाएगी। लेकिन आपातकालीन स्थिति में उनके छुट्टी पर विचार की जाएगी। संपूर्ण जिले के सभी जगहों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बैरिकेट्ड बनाई जा रही है ताकि चुनाव के दरमियान वाहनों की सघन जांच, असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखी जा सके।
उधर बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश व बिहार को जोड़ने वाले मुख्य पथ पर प्रशासन की कड़ी नजर है। सारण प्रमंडल में चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर सारण कमिश्नर तथा डीआईजी महोदय संबंधित जिला पदाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक महोदय से पल-पल की खबर ले रहे हैं। वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेल एसपी अशोक कुमार सिंह के निर्देश के आलोक में सिवान जंक्शन सुरक्षा की निगरानी मे है। जीआरपी तथा आरपीएफ पुलिस पल-पल सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्टेशन परिसर को अपनी निगरानी मे रखी हुई है। स्टेशन पर घूमने वाले संदिग्ध पर रेल पुलिस की पैनी नजर है।