- सभी मॉडल टीकाकरण केंद्र को किया जायेगा एक समान विकसित
- कॉरपोरेट लुक में बनाए जाएंगे टीकाकरण केंद्र
- कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर सिविल सर्जन को जारी किये निर्देश
- कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर कराएँ सुरक्षित टीकाकरण
छपरा: जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जनमानस को गुणवत्तापूर्ण एवं खुशनुमा वातावरण में टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नयी रणनीति बनायी है। इसके तहत राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संचालित स्थायी टीकाकरण केंद्र को मॉडल टीकाकरण केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है। कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर इस सन्दर्भ में आवश्यक दिशानिर्देश दिए हैं। जारी पत्र में कहा गया है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संचालित टीकाकरण केंद्र को मॉडल टीकाकरण केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
कॉरपोरेट लुक में बनाए जाएंगे मॉडल टीकाकरण केंद्र
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मॉडल इम्युनाइजेशन कॉर्नर खोला जाएगा। पूरी तरह कारपोरेट लुक में खुलने वाला यह टीकाकरण केन्द्र अन्य टीकाकरण केन्द्रों से पूरी तरह अलग होगा। इस मॉडल टीकाकरण केंद्र में वातानुकूलित वातावरण में बच्चों को सभी जानलेवा बीमारियों के टीके लगाए जाएंगे। यहां गर्भवती महिलाओं को भी टीका देकर प्रतिरक्षित किया जाएगा। यह टीकाकरण केन्द्र वातानुकूलित माहौल में पूरी तरह से सुसज्जित होगा।
सारण में 8 टीकाकरण केंद्र होंगे विकसित
जारी पत्र में बताया गया है कि राज्य के 230 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थायी नियमित टीकाकरण केंद्र के कमरे अथवा हॉल को मॉडल टीकाकरण केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा। वहीं सारण में 8 केंद्रों को मॉडल बनाया जाएगा। मॉडल टीकाकरण केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या के चयन का आधार जिला में कार्यरत कुल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का 55% एस्पिरएशनल(आकांक्षात्मक) जिला को और 35% अन्य जिला को दिया गया है. वैसे जिले जहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 20 या इससे अधिक हो उन्हें 1 अतिरिक्त आवंटित किया गया है. प्रति मॉडल टीकाकरण केंद्र के लिए डेढ़ लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी है.
12 जानलेवा बीमारियों से प्रतिरक्षित होंगे बच्चे
इस केन्द्र के खुल जाने से स्थानीय लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। मॉडल टीकाकरण केन्द्र में दस प्रकार की जानलेवा बीमारियों के टीके बच्चों को लगाए जाएंगे। इसमें पोलियो, टीबी, पीसीवी, न्यूमोनिया, खसरा एवं जापानी इंसेफेलाइटिस के टीके तो लगाए ही जाएंगे। पेंटावैलेंट, भी लगाया जाएगा, जिसमें पांच प्रकार (कुकुर खांसी, डिप्थिरिया, टिटनस, हेपेटाइटिस-बी की बीमारियों के टीका शामिल होते हैं। इसके अलावा रोटावायरस और रूबेला के टीके लगेंगे।
कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर कराएँ सुरक्षित टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कोरोनाकाल में टीकाकरण का लाभ उठाते समय लाभार्थी कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर खुद को और अपने परिजनों को कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं. टीकाकरण के समय चेहरे पर मास्क लगाकर ही केंद्र में दाखिल हों और सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन द्वारा अपने हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइज कर लें. इन छोटी चीजों का ध्यान रखते हुए खुशनुमा माहौल में टीकाकरण का लाभ उठायें.
इन मानकों पर विकसित होंगे केंद्र
- समरूपता बनाये रखने के लिए किये सभी केन्द्रों की दीवार रोबिन ब्लू रंग से रंगी जाये.
- कमरे की सीलिंग में फाल्स सीलिंग एलइडी लाइट के साथ लगायी जाए.
- वायरिंग छुपी हुई और मॉडउलर स्विच एवं बोर्ड लगाया जाये.
- कमरे में एसी लगाया जाये.
- टीकाकरण से सम्बंधित जानकारियों वाले विनायल बोर्ड दीवारों पर फिक्स किया जाये.
- टीकाकरण से सम्बंधित सामग्रियों को रखने के लिए 2 अलमारियों की व्यवस्था.
- कक्ष के बाहर केंद्र का नाम, स्थान एवं बिहार सरकार और स्वास्थ्य समिति के लोगों के साथ वाली लाइटयुक्त बोर्ड लगाया जाये.
- रिवॉल्विंग स्टील का स्टूल लाभार्थी के बैठने हेतु रखा जाये.
- टीकाकर्मी के बैठने हेतु कुर्सी की व्यवस्था.
- डोर क्लोजर
- लाभार्थी के परिजनों के लिए समुचित बैठने की व्यवस्था.
- टीकाकरण जनित कचरे के निष्पादन हेतु कलर कोटेड बिन
- पेपर स्टैंड
- सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन
- इलेक्ट्रिक हब कटर