- कोरोना से जंग जीतकर फिर से अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं डीपीएम
- डयूटी के दौरान हो गये थे कोरोना से संक्रमित
- होम आईसोलेशन में रहकर दी कोरोना को मात
- डीएम और सीएस ने बढ़ाया हौसला, प्रतिदिन फोन पर पूछते थे हालचाल
सिवान: कोरोना संक्रमण जहाँ लोगों के मन में डर पैदा कर रहा था, वहीं स्वास्थ्य कर्मी कोरोना के खिलाफ़ मुहिम में शामिल होकर कोरोना चुनौतियों को मात देने में जुटे थे। आज कोरोना संक्रमण खत्म तो नहीं हुआ है, लेकिन इस महामारी के दौरान लोगों के मन में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति विश्वास यकीनन बढ़ा है। इसी विश्वास की डोर को मजबूत कर रहे हैं जिले के डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, जो कोरोना योद्धा के रूप में अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहें है। डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हो गये थे। जिसके के बाद उन्हें होम आईसोलेशन में भेज दिया गया था। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर फिर से कोरोना के खिलाफ मुहिम में अपनी सेवा दे रहें है।
विश्वास बना दवा
करीब 7 माह से बिना छूटी लिये एक योद्धा के रूप में काम कर रहे डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ड्यूटी कहते हैं डयूटी के दौरान वह कब संक्रमित हो गए पता नहीं चला। प्रतिदिन उनकी डयूटी आईसोलेशन या जहां पर सैंपल कलेक्शन स्थल पर ही होता था। इसलिए वह कब किसके संपर्क में आ गया पता नहीं चला। उन्होंने बताया परेशानी होने पर जब उन्होंने जांच करायी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आया। उसके बाद उन्होंने खुद को होम आईसोलेट कर लिया। इस दौरान उन्हें खांसी-सर्दी बुखार और कभी कभी सांस लेने में समस्या होती थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं माना। इस दौरान उनके मन में कोई डर नहीं था। वह बहुत कोरोना मरीजों को आसानी से ठीक होते देख चुके थे. इसलिए उन्हें भी पूरा भरोसा था कि वह ठीक हो जाएंगे. वह कहते हैं उनका यही विश्वास एक दवा की तरह कार्य किया. आज वह ठीक होकर फिर से अपनी सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया इस दौरान उनके परिजनों का भी उन्हें पूरा सहयोग मिला, जिससे उन्हें मानसिक संबल प्राप्त होता रहा.
डीएम और सीएस ने लगातार बढ़ाया हौसाला
डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया जब उन्हें कोरोना हुआ तो होम आईसोलशन में थे। इस दौरान उनका हौसला बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय और सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा लगातार कॉल कर उनकी हाल-चाल पूछ रहे थे और उनके मनोबल को बढ़ा रहे थे। उनके हौसले को बढ़ाने में परिवार के सदस्यों का भी काफी सहयोग रहा है। जिसका परिणाम है कि वह आज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके है। उन्होने कहा डीएम सर प्रतिदिन फोन करके उनका हाल-चाल पूछते थे। उनका यह व्यवहार काफी सराहनीय है।
अब फिर से कोरोना को हराने में कर रहें योगदान
डीपीएम ने बताया वह फिर से कोरोना को हराने के लिए मजबूती के साथ ड्यूटी कर रहें है। जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोका जाये, इसके लिए वह लगातार अपनी सेवा दे रहें है। अधिक से अधिक कोरोना की जांच हो इसके लिए जिले में पूरी व्यवस्था की गयी है। सभी स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल को बढ़ाने के लिए उनके साथ वह क्षेत्र भ्रमण पर भी जाते हैं। जहां पर कोरोना की जांच होती है, वहां जाकर कर्मियों के मनोबल को बढ़ा रहें। जिला से लेकर प्रखंडस्तर तक जांच की पूरी व्यवस्था, कर्मियों की प्रतिनियुक्ति, जांच किट उपलब्ध कराना, लोगों को जागरूक करने जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान कर रहें है।
होम आईसोलेशन में रहकर दी कोरोना को मात
डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन संक्रमित होने के बाद करीब 10 दिनों तक होम आईसोलेशन में रहें। इस दौराना उन्होने काफी सतर्कता बरती। उन्होने इस दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए काढ़ा का भी सेवन किया, जिससे वह बहुत ही कम समय कोरोना संक्रमण से ठीक हो गये। उन्होने बातया इस दौरान उनके साथ कोई भेदभाव की बात नहीं हुई। सभी लोग जागरूक है। इस बात को समझ रहें है कि कोरोना किसी को भी हो सकता है।