परवेज़ अख्तर/सिवान:
लोकतंत्र के महापर्व में महिला कर्मियों की महती भूमिका दिखेगी। विधानसभा चुनाव में जिले के 50 मतदान केंद्रों पर केवल महिला कर्मी ही नजर आएंगी। बूथों पर महिलाओं पर ईवीएम चलाने से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी होगी। इन मतदान केंद्रों पर महिला कर्मी ही मतदाताओं को कतारबद्ध कराने के साथ-साथ मतदाताओं की उंगलियों पर अमिट स्याही भी लगाएंगी। मतदान के दौरान विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने पर लाठियां भांजने में भी पीछे नहीं रहेंगी।
जिला निर्वाचन शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में 36 मतदान केंद्रों को सखी बूथ बनाया गया है। इससे पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को चुनाव कार्य में नहीं लगाया गया था, लेकिन इस बार हर विधानसभा क्षेत्र में सखी बूथ बनाया गया है। कोविड 19 को लेकर जिले में 1149 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इससे मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 3571 हो गई है। इनमें से 50 मतदान केंद्रों को पूरी तरह से महिला कर्मियों के हवाले कर दिया जाएगा।बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव कार्य कराने के लिए 6 हजार 770 महिला कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। जानकारी के अनुसार जिले में कुल 24 लाख 53 हजार 520 मतदाता है। इनमें 11 लाख 74 हजार 570 महिला मतदाता, 12 लाख 78 हजार 861 पुरुष मतदाता व 89 अन्य मतदाता शामिल हैं।
महिला कर्मियों को भी बनाया गया है दंडाधिकारी
जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव में इस बार महिला मतदानकर्मियों की भागीदारी को बढ़ाया गया है। महिला मतदानकर्मी ना सिर्फ मतदान कराएंगी बल्कि मतगणना भी कराएंगी। बूथों पर पीठासीन अधिकारी से लेकर प्रथम, द्वितीय और तृतीय मतदान अधिकारी महिलाएं ही होंगी। यहीं नहीं बूथ पर सुरक्षा का जिम्मा भी महिला फोर्स के पास ही रहेगा। विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में महिला कर्मियों को दंडाधिकारी भी बनाया गया है।
आठ बूथों की कमान होगी दिव्यांग कर्मियों के हाथ में
जिले के सभी आठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल आठ ऐसे मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसकी कमान दिव्यांग कर्मियों के हाथों में होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक दिव्यांग मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों का संचालन पूरी तरह से दिव्यांग कर्मी करेंगे।बतादें कि जिले में कुल 14 हजार 693 दिव्यांग मतदाता है। इनमें 2 हजार 513 नेत्रहीन मतदाता, एक हजार 569 बोलने व सुनने में असमर्थ मतदाता, 7084 हरकत दिव्यांगता वाले मतदाता तथा 3892 अन्य कारणों से दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।