परवेज़ अख्तर/सिवान:
विधानसभा आम चुनाव में रघुनाथपुर का रघुराज कौन होगा, इसका फैसला आज वोटर कर देंगे। किनकी-किनकी जमानत जब्त हो जाएगी। इसका फैसला आज ही वोट पड़ने के साथ हो जाएगा। पिछली बार यहां से जीत दर्ज करने वाले हरिशंकर यादव फिर से राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। 2015 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले मनोज कुमार सिंह इस बार लोजपा से उम्मीदवार हैं। यहां से एनडीए के घटक दल जदयू से राजेश्वर चौहान पहली बार अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हैं।
इसके अलावा यहां से क्रिकेटर मो. कैफ और बसपा से विनय पांडेय चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। नतीजे आने के बाद भी यह स्पष्ट हो सकेगा कि रघुनाथपुर का ताज किसके सिर पर सजेगा। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो महागठबंधन में आरजेडी और जदयू साथ थे। इसबार जदयू की जगह पर महागठबंधन में भाकपा माले साथ हो गया है। बनते-बिगड़ते समीकरण से चुनाव के रिजल्ट का आकलन करना पेंचीदा सा दिख रहा है। कारण कि लोजपा उम्मीदवार के साथ बीजेपी यूनिट के बहुतेरे लोग जा खड़े हुए हैं। हालांकि बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता जदयू प्रत्याशी के साथ है।
जदयू दूसरी बार यहां से लड़ रही है चुनाव
जगमातो देवी के बाद दूसरी बार रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू दूसरी बार यहां से चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने राजेश्वर चौहान पर अपना दाव खेला है। पहली बार फरवरी 2005 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करने वाली जगमातो देवी अक्तूबर 2005 के चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ींऔर जीत भी दर्ज की थीं। जगमातो देवी यहां से पहली महिला विधायक बनी थीं। हालांकि इस बार यहां से कोई महिला उम्मीदवार भी नहीं है।
पहली बार दो धुर विरोधी आए हैं एक साथ
सीवान की राजीनीति में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दो धुर विरोधी पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। हालांकि राजनीति में इस तरह के फैसले लिए जाते रहे हैं। महाराष्ट्र इसका ताजा उदाहरण है। इस नए रिश्ते का भविष्य क्या होगा और इससे दोनों पार्टियों को कितना फायदा होगा, यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। हालांकि दोनों पार्टी के कार्यकर्ता और नेता एक-दूसरे की सभाओं में मंच सांझा कर वोट की अपील कर चुके हैं।