परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन की किल्लत तो दूर हो गयी लेकिन समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है। कारण है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण काफी मात्रा में डोज निष्प्रभावी हो गया है। दरअसल डोज के रखरखाव में शीत श्रृंखला प्रणाली का ध्यान नहीं रखा गया है। लिहाजा वैक्सीन को प्रभावी रखने के लिए मानकों के अनुरूप आवश्यक तापमान नहीं मिलने से हजारों रुपए के वैक्सीन अब किसी काम का नहीं रह गया है। बावजूद खानापूर्ति में मरीजों को इसका डोज जैसे-तैसे दिया जा रहा है। इधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वैक्सीन के रखरखाव को लेकर आवश्यक उपकरण नहीं होने से ऐसा हो रहा है। हालांकि क्षेत्र में किसी मरीज को कुत्ता, सियार व बिल्ली आदि जानवरों के काटने के बाद वैक्सीन को आधे घंटे फ्रीजर में रखकर उन्हें लगा दिया जाता है।
गुठनी पीएचसी का है मामला
एआरवी डोज निष्प्रभावी होने का मामला गुठनी पीएचसी का है। दरअसल सोमवार को कुछ मरीज सियार के काटने के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन का डोज लेने के लिए अस्पताल पर आए थे। कुछ देर बाद शीत श्रृंखला के मानको के विपरित लाए गए वैक्सीन डोज को देखकर सभी बिफर पड़े। बाद में निराश होकर सभी वापस लौट गए।
क्या कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा ने कहा कि यदि वैक्सीन को कई दिनों तक शीत श्रृंखला प्रणाली से दूर रखा जाता है तो वह निष्प्रभावी हो जाता है। उसका डोज किसी मरीज को देने पर वह प्रभावी नहीं होगा।