परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के भगवानपुर प्रखंड में इस वर्ष अधिक बारिश होने से क्षेत्र में जलजमाव की समस्या बनी हुई है। इस कारण किसानों को रबी फसल की बुआई प्रभावित होने की चिता सताने लगी है। किसान पहले से ही बाढ़ एवं अत्यधिक बारिश के कारण धान की खेती करने से वंचित रह गए थे। किसानों को इस बात की आशा थी कि नवंबर माह में चंवर का पानी सूख जाएगा और रबी फसल की बुआई समय से हो जाएगी, लेकिन अभी भी चंवर में दो-दो फीट जलजमाव है। जलजमाव की स्थिति को देख किसान काफी चितित हैं। इस बार अगर रबी की बुआई नहीं हुई तो किसानों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। क्षेत्र के शंकरपुर, बल्हां, गोपालपुर, महम्मदा, सराय पड़ौली, सुल्तानपुर, मराछी, भीखमपुर, ब्रह्मस्थान, सारीपट्टी आदि गांवों में रबी की बुआई प्रभावित होने की संभावना प्रबल है।
इतना ही नहीं इस बार सब्जी की भी खेती पर ग्रहण लग गया है। इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र की वरीय वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी ने कहा कि किसानों को जलवायु के अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डीप लैंड जहां थोड़ा बहुत जल जमाव है वह दिसंबर की शुरुआत तक सूख जाता है तो जीरो टिलेज अथवा हैपी सिडर मशीन से गेहूं की बुआई किसान कर सकते हैं। इसके लिए देर प्रभेद की बीज जो 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाता है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि वैसी भूमि जहां अभी जलजमाव है उस पर एचडी 2985, एचडी 3118 तथा एचआइ 1563 प्रजाति के बीज की बुआई कर सकते हैं। इसकी बुआई 20 दिसंबर तक की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस प्रजाति की उपज प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विटल है।