पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में मतगणना के रुझानों में एनडीए को बहुमत का आंकड़ा मिलता दिखाई दे रहा है जबकि महागठबंधन 100 के आसपास सिमटा नजर आ रहा है. नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री की कुर्सी जेडीयू नहीं बल्कि बीजेपी के दम पर बचती दिख रही है. बिहार चुनाव के रुझान अगर नतीजे में तब्दील होते हैं तो बिहार की राजनीति में बीजेपी भले ही अपने ही सबसे बेहतर आंकड़े को पार न करती दिख रही हो, लेकिन प्रदेश में पहली बार नंबर एक की पार्टी जरूर बनती दिख रही है.
बिहार की सभी 243 सीटों पर आए रुझानों के मुताबिक एनडीए 129 सीटों पर आगे चल रहा है और महागठबंधन 105 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. बिहार चुनाव के रुझान अगर ऐसे ही रहे और नतीजों में तब्दील हुए तो बीजेपी पहली बार बिहार की आधे से कम सीटों पर चुनाव लड़कर नंबर वन की पार्टी बन जाएगी. मतगणना के रुझानों को देखें तो बीजेपी 110 सीटों में से 73 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं जेडीयू 115 सीटों में से 50 सीटों पर आगे चल रही है. इसके अलावा वीआईपी 5 और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी एक सीट पर आगे चल रहे हैं.
2010 में रहा बीजेपी का सबसे अच्छा प्रदर्शन
बिहार की राजनीति में बीजेपी का सबसे बेहतर प्रदर्शन 2010 के चुनाव में रहा है. बीजेपी 2010 के चुनाव में 102 सीटों पर चुनाव लड़कर 91 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. बीजेपी का यह सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है. इससे ज्यादा सीटें वो बिहार में कभी नहीं जीत पायी है, लेकिन 2010 चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जेडीयू को मिली थी. जेडीयू 141 सीटों पर लड़कर 115 सीटें जीती थी. इससे पहले बिहार के किसी भी चुनाव में बीजेपी 70 सीट का नंबर कभी क्रॉस नहीं कर सकी.
वहीं, इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 110 सीटों में से 73 सीटों पर आगे चल रही है, जो कि इस बार के चुनाव में किसी एक पार्टी की सबसे ज्यादा सीटें हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर आरजेडी को 67 सीटें मिल रही हैं, लेकिन 144 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. वहीं, तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को 106 सीटों पर बढ़त मिल रही है. इनमें से आरजेडी 144 सीटों में से 67 और कांग्रेस 70 में से 20 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, वामपंथी दलों को 29 में 18 सीटों पर बढ़त है.