परवेज़ अख्तर/सिवान:
कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे,तब से इस तिथि को धनतेरस,धनत्रयोदशी, धन्य तेरस या ध्यान तेरस एवं धन्वंतरी जयंती आदि नामों से जाना जाता है। धनतेरस के महत्व को लेकर आचार्य पंडित सोनू शुक्ला ने बतलाया कि इस बार धनतेरस पर खरीदारी हेतु बहुत ही अच्छे योग बन रहे हैं। इस दिन प्रदोष और हस्त नक्षत्र का योग होने से वाहन,भूमि,भवन,आभूषण व वस्त्र आदि की खरीद के लिए बहुत ही मंगलकारी है।
धनतेरस पर आयु आरोग्य तथा धन की कामना हेतु करें यह काम
इस दिन परिवार में शारीरिक कष्ट,अकाल मृत्यु निवारण के लिए के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर धर्मराज(यमदेव)का स्मरण करते हुए चार दीपक जलाएं फिर ॐ मृत्युना दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम।। इस मंत्र से पूजन करें तथा वैवस्वत: महादेव नमस्ते धर्मसाक्षिक।शिवाज्ञयाऽपिहितो देव दिशं रक्ष भवानिह।। से प्रार्थना करें।
धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि की कामना से
ॐयक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्याधिपतये,धन-धान्या समृद्धिम् देहि दापय दापय स्वाहा। इस मंत्र से आज के दिन भगवान कुबेर का पूजन तथा दिव्यदेह धनाध्यक्ष पीताम्बर गदाधर।उत्तरेश महाबाहो वाञ्छितार्थफलप्रद।। इस मंत्र से पुष्पाञ्जलि अर्पित करें। तथा ॐ श्रीश्श्च ते लक्ष्मीश्श्च पत्न्यावहोरात्र्त्रे पार्श्श्वेनक्षत्र्त्राणि रूपमश्श्विनौ व्व्यात्तम्।इष्ण्णन्निषाणामुं मऽइषाण सर्व्वलोकम्म ऽइषाण।।
इस मंत्र से माॅं लक्ष्मी का पूजन करें
- आरोग्य जीवन के लिए भगवान धन्वंतरि का पूजन करें।
- मंदिर, गौशाला, कुआ, तालाब आदि स्थलों पर दीपक जलाएं।
- दक्षिणावर्ती शंख, कमलगट्टे की माला, धार्मिक साहित्य तथा नवीन झाड़ू, तांबे, पीतल व चांदी के गृहोपयोगी बर्तन एवं आभूषण आदि का क्रय करें।
- लक्ष्मी गणपति के पूजन हेतु मूर्तियां धनतेरस के दिन ही ख़रीदें।
धनतेरस के दिन इन वस्तुओं की खरीद से बचें
- इस के दिन बहुत सारे लोग वाहन की खरीदारी करते हैं,परंतु यदि वाहन लेना हो तो उसके लिए भुगतान पहले ही कर दें।धनतेरस के दिन भुगतान करने से बचें।
- काॅंच के चीजों की खरीदारी करने से बचें क्योंकि इसका संबंध राहु से होता है।
- धनतेरस के दिन काले वस्त्र वह काले रंग की चीजों को घर में लाने से बचना चाहिए।
- इस दिन धारदार चीजों (चाकू, कैंची, तलवार आदि) की खरीद से भी बचें।
- इस दिन ऋण लेने तथा देने से भी बचें।
प्रदोष काल- 17:40 से 20:15तक
वृषभ लग्न- 18:30 से 19:41 तक।