गोपालगंज: जिले के थावे प्रखंड में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा मनाया गया।यह पर्व हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का अलग ही महत्व है।यह पर्व दिवाली के ठीक दूसरे दिन मनाया जाता है।इस वर्ष गोवर्धन पूजा हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है।इस दिन गाय की पूजा की जाती है। मान्यता है,कि इस दिन गोबर से बच्चियों द्वारा घर के दरवाजे पर गोवर्धन पार बनाया जाता है।इसके बाद इन्हीं गोवर्धन भगवान की पूजा भी की जाती है।गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या है इस पर्व का महत्व।गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त:गोवर्धन पूजा अमावस्या को की जाती है।
गोवर्धन पूजा उस दिन शुरू हुआ जब भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर भगवान इंद्र को हराया था।उसी दिन से हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा को खासतौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से गोकुल वासियों को बचाने के लिए अपनी सबसे छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था।श्री कृष्ण ने ऐसा कर देवराज इंद्र का इसके बाद से ही गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा आरंभ हुई थी।